Monday, December 15

सोशल मीडिया में अंडों पर कैंसर का दावा, एक्सपर्ट ने बताया सच

नई दिल्ली: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि बाजार में मिल रहे कुछ अंडे कैंसर का कारण बन सकते हैं। इस खबर ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है। आइए जानते हैं कि क्या सच में अंडे खाने से कैंसर का खतरा है।

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क्या है मामला?

कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि कुछ ब्रांड के अंडों में खतरनाक केमिकल पाए गए हैं। कहा जा रहा है कि ये केमिकल हमारे DNA को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं।

एक्सपर्ट की राय

मुंबई के जाने-माने ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मनन वोरा ने इस मामले की जांच की और वीडियो के जरिए सच्चाई बताई। उन्होंने कहा कि जिस ब्रांड के अंडों का इस्तेमाल किया गया, उनमें नाइट्रोफ्यूरान (Nitrofurans) और नाइट्रोइमिडाजोल (Nitroimidazoles) पाए गए। ये केमिकल पोल्ट्री फार्मिंग में गैरकानूनी हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

अंडों से कैंसर का खतरा कैसे?

डॉ. वोरा के अनुसार, ये केमिकल ‘जीनोटॉक्सिक’ श्रेणी के हैं। इसका मतलब है कि ये हमारे DNA को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे भविष्य में कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। रिपोर्ट में नाइट्रोफ्यूरान का स्तर 0.7 पाया गया, जबकि इसे आदर्श रूप से शून्य होना चाहिए।

FSSAI के नियमों की अनदेखी

डॉ. वोरा ने यह भी बताया कि भारत में FSSAI कुछ हद तक इन केमिकल्स की अनुमति देता है, जबकि अन्य देशों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे खतरनाक अंडे बाजार में कैसे इतने बड़े पैमाने पर बिक रहे हैं।

क्या अंडे खाना अब खतरनाक है?

डॉ. वोरा ने साफ किया कि इस रिपोर्ट का मतलब यह नहीं है कि सभी अंडे कैंसर का कारण हैं। यह केवल एक ब्रांड के विशेष बैच की जांच पर आधारित है। सामान्य रूप से सुरक्षित अंडों का सेवन करने में कोई खतरा नहीं है।

मार्केट से असली और सुरक्षित अंडे कैसे खरीदें?

  • हमेशा FSSAI से लाइसेंस प्राप्त ब्रांड के अंडे खरीदें।
  • पैकेज पर तारीख और लाइसेंस नंबर जरूर देखें।
  • सप्ताह में 3 से 7 अंडे खाना पर्याप्त और सुरक्षित है।
  • ज्यादा अंडे खाने से बचें।

(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ या डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता।)

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