
सिडनी (अभिजात शेखर आजाद) – ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रविवार शाम को बोंडी बीच पर हुए आतंकवादी हमले ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। हनुका उत्सव के दौरान बाप-बेटे के रूप में आए पाकिस्तानी नागरिक आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 15 लोगों की जान ले ली, जबकि लगभग 40 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
पुलिस ने बताया कि हमले में दो हमलावर शामिल थे। पिता साजिद अकरम (50) को मुठभेड़ में मार गिराया गया, जबकि पुत्र नवीद अकरम (24) गंभीर घायल है और अस्पताल में भर्ती है। उनके गोली चलाने के अंदाज से स्पष्ट होता है कि इन्हें भारी ट्रेनिंग और अभ्यास प्राप्त था। इस हमले में 10 साल की बच्ची सहित कई निर्दोष लोग मारे गए, जिससे आतंकवाद की जिहादी मानसिकता उजागर होती है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई खौफनाक दास्तान
इस हमले के दौरान मौजूद आर्सेन ओस्ट्रोव्स्की, जो ऑस्ट्रेलिया-इजरायल काउंसिल (AIJAC) के सिडनी ऑफिस में कार्यरत हैं, ने बताया, “बहुत अफरा-तफरी थी। लोगों को गिरते देखा, अपने शरीर से खून बहता देखा। मेरी एकमात्र चिंता मेरे बच्चों और परिवार की सुरक्षा थी।” उनके सिर और कपड़े खून से लथपथ थे।
स्टेट इमरजेंसी सर्विस के यहूदी चैपलिन व्लाद ने बताया कि “यह हमला पूरी तरह से खूनखराबा था। घायल लोगों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाने की वजह से दो और लोगों की मौत हो गई।”
यहूदियों के दिल पर हमला
बोंडी बीच, ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े यहूदी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक, लगभग 40,000 यहूदियों का घर है। हनुका उत्सव के पहले दिन आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 1,000 लोग मौजूद थे। व्लाद ने बताया कि हमले में उनके कई परिचित, उनके रब्बी और समुदाय के लोग मारे गए। उन्होंने अपने 8 साल के बेटे को बचाने के लिए अपने शरीर से ढक लिया।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया सरकार पर सुरक्षा की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इजरायल ने पहले ही संभावित आतंकवादी हमले की चेतावनी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सिडनी बोंडी बीच पर हुए इस हमले ने यहूदियों के धार्मिक और सामाजिक जीवन पर गहरा असर डाला है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आतंकवाद और पाकिस्तान-समर्थित जिहादी नेटवर्क के खिलाफ नई बहस शुरू कर दी है।