
स्पर्म फ्रीजिंग या सीमन क्रायोप्रीजर्वेशन पुरुषों के लिए एक उन्नत फर्टिलिटी तकनीक है, जो भविष्य में बच्चे के लिए स्पर्म स्टोर करने का विकल्प देती है। हालांकि, इस प्रक्रिया के बारे में जागरुकता कम है। गायनी और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. र्यूबीना सिंह के अनुसार, यह तकनीक 196 डिग्री सेल्सियस पर स्पर्म को सुरक्षित रखती है ताकि जरूरत पड़ने पर इसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किया जा सके।
कौन करवा सकता है सीमन फ्रीजिंग:
- आईवीएफ कराने वाले पुरुष
- कीमोथेरेपी या रेडिएशन से पहले
- नसबंदी से पहले
- लो स्पर्म काउंट वाले पुरुष
- हाई रिस्क ऑक्यूपेशन (सेना, केमिकल एक्सपोजर)
- जो भविष्य में अधिक उम्र में पिता बनना चाहते हैं
कितने साल बाद तक बन सकते हैं पिता:
डॉ. र्यूबीना सिंह के अनुसार, सीमन फ्रीजिंग की कोई निश्चित समाप्ति अवधि नहीं है। सही कंडीशन में स्टोर किए गए स्पर्म का उपयोग 10 से 20 साल बाद तक भी हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए किया जा सकता है।
कब नहीं करवानी चाहिए सीमन फ्रीजिंग:
- बुखार के दौरान, क्योंकि इससे स्पर्म क्वालिटी प्रभावित होती है
- शराब या ड्रग्स के सेवन के बाद
- इंफेक्शन के खतरे की स्थिति में
स्पर्म फ्रीजिंग पुरुषों को उनके पितृत्व विकल्पों में लचीलापन देती है, लेकिन इसके लिए सही समय और स्वास्थ्य स्थिति का ध्यान रखना जरूरी है। विशेषज्ञ सलाह के बिना इसे आजमाना जोखिम भरा हो सकता है।