
पटना। बिहार के लाखों शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। मोबाइल ऐप से हाजिरी दर्ज न हो पाने के कारण जिन शिक्षकों का वेतन काट लिया गया था, अब उनके लिए वेतन वापसी का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में पहल शुरू कर दी है।
यह मुद्दा हाल ही में विधान परिषद में जोरदार तरीके से उठाया गया था। विधान पार्षद मुरारी मोहन झा ने शून्यकाल के दौरान बताया कि कई शिक्षक प्रतिदिन मोबाइल ऐप के माध्यम से हाजिरी लगाने का प्रयास करते हैं, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती। इसके बावजूद संबंधित तिथि का वेतन काट लिया जाता है, जो शिक्षकों के साथ अन्याय है।
विधान पार्षद की मांग पर कार्रवाई करते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने राज्य के सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ (स्थापना) को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
भौतिक उपस्थिति के आधार पर मिलेगा वेतन
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में शिक्षकों से नियमानुसार स्पष्टीकरण और प्रमाण प्राप्त किए जाएँगे। उसके बाद यदि भौतिक उपस्थिति सिद्ध होती है, तो उस अवधि का वेतन शिक्षकों को प्रदान किया जाएगा। यह सुविधा विशेष परिस्थितियों में ही लागू होगी।
तकनीकी खामियों का असर, शिक्षकों की बढ़ी चिंता
मोबाइल ऐप से उपस्थिति दर्ज करने की प्रणाली अपनाए जाने के बाद से कई शिक्षक तकनीकी खामियों, नेटवर्क समस्या और सर्वर एरर का सामना कर रहे थे। इसके चलते बड़ी संख्या में शिक्षकों का वेतन कट गया था, जिससे वे महीनों से परेशान थे।
अब विभागीय कदम से शिक्षकों में राहत की उम्मीद जगी है।
आगे क्या?
शिक्षा विभाग जल्द ही सभी जिलों से ऐसे मामलों की रिपोर्ट मंगवाएगा। इसके बाद प्रक्रिया पूरी कर शिक्षकों को उनका कटा हुआ वेतन प्रदान किया जाएगा।
बिहार में इस निर्णय का व्यापक स्वागत हो रहा है, क्योंकि इससे लाखों शिक्षकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने वाला है।