
नई दिल्ली, 12 दिसंबर 2025: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने देश में मैरिटल रेप के खिलाफ उचित कानून बनाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि यह अपराध है, न कि वैवाहिक प्रेम का हिस्सा, और इसे नजरअंदाज करना महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है।
थरूर ने कोलकाता में एक कार्यक्रम में कहा, “मुझे हैरानी है कि भारत दुनिया के उन कुछ लोकतंत्रों में शामिल है, जहां पति द्वारा अपनी पत्नी की मर्जी के बिना यौन संबंध बनाने के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया जाता। अगर कोई पति अपने जीवनसाथी का सम्मान नहीं करता और उसकी इच्छा के बिना वैवाहिक संबंध का हवाला देकर उसका यौन शोषण करता है, यह कानून का उल्लंघन और हिंसा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश में घरेलू हिंसा और रेप-विरोधी कानून मौजूद होने के बावजूद मैरिटल रेप पर उचित कार्रवाई नहीं होती, और इस दिशा में महिला मंत्रियों की भी उदासीनता है। थरूर ने जोर देकर कहा कि मैरिटल रेप को वैवाहिक प्रेम का हिस्सा नहीं, बल्कि हिंसा माना जाना चाहिए।
मैरिटल रेप क्या है?
मैरिटल रेप वह यौन हिंसा है जिसमें पति या पत्नी द्वारा जबरन शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं या यौन उत्पीड़न किया जाता है। विश्व के करीब 77 देशों में इसे अपराध माना गया है, लेकिन भारत में इसे अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है।
भारत में कानूनी स्थिति
भारत में शादीशुदा पति को मैरिटल रेप के मामले में कानूनी छूट प्राप्त है। यदि पति और पत्नी साथ नहीं रहते और बिना मर्जी के यौन संबंध बनाता है, तो उसे आरोपी माना जा सकता है। हालांकि, पत्नी घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत राहत मांग सकती है, जिसमें यौन उत्पीड़न, अपमान और गरिमा के उल्लंघन जैसे अपराध शामिल हैं।
तर्क और विरोध
कुछ तर्कों के अनुसार, मैरिटल रेप को अपराध मानने से विवाह जैसी संस्था अस्थिर हो सकती है और इसे तलाक या दुरुपयोग के बहाने के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकार का कहना है कि इस मामले में विधायिका को ही निर्णय लेना चाहिए, अदालतें नहीं।
थरूर का कहना है कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए मैरिटल रेप पर कानून बनाना अब अत्यंत जरूरी है।