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भारत चूक गया, चीन ने लपक लिया… अब भारत बिछा रहा रेल लाइन, माजरा क्या है?

नई दिल्ली, 12 दिसंबर 2025 (दिनेश मिश्र) – हॉर्न ऑफ अफ्रीका का प्रमुख देश इथियोपिया भारत का अहम आर्थिक और रणनीतिक भागीदार है। भारत और इथियोपिया के 2000 साल पुराने संबंध हैं, लेकिन हाल ही में भारत की देरी के कारण चीन ने कुछ बड़े रेलवे प्रोजेक्ट्स पर कब्जा कर लिया। अब भारत अपनी विशेषज्ञता और निवेश के साथ देश की रेल इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में तेजी से भागीदारी बढ़ा रहा है।

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इथियोपिया में भारत की भूमिका:
भारत ने इथियोपिया को रेल लाइन बिछाने, लोकोमोटिव और बोगियों का निर्माण में सहयोग किया है। भारतीय रेलवे की आरआईटीईईएस (RITES) ने ट्रैक बिछाने और विद्युतीकरण के लिए व्यवहार्यता अध्ययन किए और तकनीकी विशेषज्ञता साझा की। हालांकि, प्रमुख लाइन अदीस अबाबा–जिबूती रेलवे भारत के ऋण स्वीकृति में देरी के कारण चीन की मदद से बनी, जबकि भारत ने अन्य रेल परियोजनाओं और पुर्जों में अहम योगदान दिया।

राजनयिक और आर्थिक महत्व:
भारत और इथियोपिया के संबंध लंबे समय से साझा उपनिवेशवाद-विरोधी संघर्ष और वैश्विक दक्षिण के नेतृत्व पर आधारित हैं। भारत ने अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल करने का समर्थन कर वैश्विक समावेशिता और अफ्रीका के प्रतिनिधित्व को बढ़ाया है।

व्यापार और निवेश:
भारत, इथियोपिया का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 571.52 मिलियन डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात 489.59 मिलियन डॉलर और आयात 81.93 मिलियन डॉलर था। भारत ने ग्रामीण विद्युतीकरण, रेलवे, चीनी उद्योग सहित कई क्षेत्रों में रियायती ऋण और तकनीकी सहयोग प्रदान किया। इथियोपिया से भारत मुख्य रूप से दाल, बहुमूल्य पत्थर, मसाले और चमड़ा आयात करता है।

देश की जनसंख्या और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य:
इथियोपिया में ओरोमो और अम्हारा जातीय समूह सबसे बड़े हैं, जो कुल जनसंख्या का लगभग 60% हैं। धार्मिक दृष्टि से यह ईसाई-मुस्लिम बहुल देश है, जिसमें 60-70% ईसाई (मुख्य रूप से इथियोपियन ऑर्थोडॉक्स) और 30-34% मुसलमान हैं।

आगे की रणनीति:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16-17 दिसंबर को इथियोपिया का दौरा करेंगे। इस दौरे से भारत की वैश्विक दक्षिण में भूमिका मजबूत होगी और अफ्रीका में भारतीय तकनीकी और आर्थिक उपस्थिति को और बल मिलेगा।

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