
नए साल की शुरुआत के साथ गाजियाबाद से लंबी दूरी की बस यात्राएं महंगी हो सकती हैं। कौशांबी बस डिपो पर शुरू होने वाली पीपीपी मॉडल की विकास परियोजनाओं के चलते बसों के रूट और संचालन में बदलाव किए जा रहे हैं, जिसका सीधा असर यात्रियों की जेब पर पड़ने की संभावना है।
कौशांबी डिपो का विकास, बसें शिफ्ट होंगी आनंद विहार
कौशांबी बस डिपो को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए पीपीपी मॉडल पर निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। निर्माण अवधि के दौरान लंबी दूरी की सभी बसों का संचालन आनंद विहार बस टर्मिनल से किया जाएगा।
आनंद विहार में रोडवेज बसों को दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) को पार्किंग शुल्क देना होता है। यही अतिरिक्त खर्च यात्रियों से 15–20 रुपये प्रति टिकट बढ़े हुए किराए के रूप में वसूले जाने की तैयारी है।
78 बसों पर सीधे असर
परिवहन विभाग के अनुसार, रोजाना लंबी दूरी की करीब 78 बसें आनंद विहार से संचालित होंगी। यही वजह है कि किराया बढ़ने की स्थिति लगभग तय मानी जा रही है। यह बढ़ोतरी तब तक लागू रहेगी, जब तक कौशांबी डिपो का विकास कार्य पूरा नहीं हो जाता।
छोटी दूरी की बसें यथावत
छोटी दूरी की बसों को कौशांबी डिपो के पिछले हिस्से में स्थित वर्कशॉप से ही संचालित करने की योजना बनाई गई है।
परिवहन निगम के आरएम के.एन. चौधरी के अनुसार:
“आनंद विहार से चलने वाली बसों का किराया सामान्यतः कौशांबी की तुलना में अधिक होता है। हमारी कोशिश है कि अधिक बसें वहाँ से न भेजी जाएँ और किराया यथासंभव कम रखा जाए।”
विश्वस्तरीय बस डिपो का ब्लूप्रिंट तैयार
कौशांबी बस डिपो का विकास ओमेक्स ग्रुप द्वारा किया जाएगा। जीडीए से नक्शा पास होने के बाद डिपो को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस करने की योजना है।
डिपो में होंगे—
- 30 प्लेटफॉर्म
- 375 कार और 150 बाइक पार्किंग
- 100 यात्रियों की क्षमता वाला वेटिंग एरिया
- इमरजेंसी व मेडिकल फार्मेसी
- कियोस्क मशीन, फूड कोर्ट, एलईडी स्क्रीन
- अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था और मॉडर्न आर्किटेक्चर
परिवहन विभाग का दावा है कि निर्माण पूरा होने के बाद यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा वाला बस डिपो प्राप्त होगा।