
झारखंड में संगठित अपराध अब महज स्थानीय आपराधिक गतिविधि नहीं रहा, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बनकर सामने आया है। एटीएस और राज्य पुलिस की जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि कुख्यात गैंगस्टरों — अमन साहू, प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा — के नेटवर्क की जड़ें पाकिस्तान स्थित आतंकी मॉड्यूल तक पहुंच चुकी हैं।
जांच में विदेश से हथियारों की तस्करी और हवाला के जरिए पाकिस्तान भेजे जा रहे लाखों-करोड़ों रुपये के ठोस सबूत मिले हैं।
आतंकी मॉड्यूल से कनेक्शन — ‘बेहद खतरनाक’ स्थिति
जांच एजेंसियों के अनुसार, यह नेटवर्क अब सिर्फ रंगदारी और उगाही तक सीमित नहीं है। इनके गिरोह विदेशी आतंकियों को रेकी, लॉजिस्टिक सपोर्ट और मैनपावर उपलब्ध कराने में सक्षम पाए गए हैं।
आईजी ऑपरेशन डॉ. माइकलराज एस ने इसे “बेहद खतरनाक और चिंताजनक स्थिति” बताते हुए कहा कि संगठित अपराध और आतंकवाद का यह गठजोड़ राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
सीएम हेमंत सोरेन ने दिए सख्त निर्देश
उभरते खतरे को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एटीएस एवं पुलिस को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विदेश में छिपे अपराधियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि दुबई से गैंग ऑपरेट करने वाले प्रिंस खान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है और उसे भारत लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
इसके साथ ही, सरकार इन गैंगों की संपत्तियां जब्त करने में भी तेजी ला रही है, ताकि उनकी आर्थिक कमर तोड़ी जा सके और नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया जा सके।
अमन साहू गिरोह—अज़रबैजान से आया बड़ा खुलासा
अमन साहू गिरोह से जुड़े कुख्यात अपराधी सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह को अज़रबैजान से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया है। पूछताछ के दौरान उसने पाकिस्तान से जुड़े हथियार सप्लाई चेन, ड्रोन मॉड्यूल और हवाला नेटवर्क से संबंधी कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के सामने चुनौती
झारखंड के संगठित अपराध की जड़ें अब अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके आतंकी मॉड्यूल से जुड़ चुकी हैं। ऐसे में सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के सामने इन गैंगों का नेटवर्क तोड़ना और उनके विदेशी कनेक्शन को खत्म करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।