
लखनऊ: राजधानी में ड्रग नेटवर्क पर शिकंजा कसते हुए पुलिस और एएनटीएफ की संयुक्त टीम ने रविवार देर रात मोहनलालगंज क्षेत्र में हुए मुठभेड़ के दौरान 50 हजार के इनामी तस्कर पंकज त्रिपाठी को गोली लगने के बाद गिरफ्तार कर लिया। पंकज के साथ उसका साथी नरेंद्र त्रिपाठी भी दबोचा गया। दोनों आरोपी कौशांबी जिले के रहने वाले हैं और लंबे समय से गांजा व अन्य मादक पदार्थों की सप्लाई चेन का हिस्सा थे।
रात 2:30 बजे गूंजी गोलियों की आवाज
सूचना थी कि कौशांबी के थाना सैनी क्षेत्र में दर्ज एनडीपीएस केस में वांछित पंकज अपने साथी के साथ मोहनलालगंज इलाके में सक्रिय है। इसी आधार पर पुलिस और एएनटीएफ टीम ने कनकहा चौकी के पास गश्त तेज कर दी।
इसी दौरान दो संदिग्ध युवक बाइक पर आते दिखे। रोकने का प्रयास करने पर उन्होंने रफ्तार बढ़ा दी और अचानक एक बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली पंकज के पैर में लगी और वह बाइक सहित गिर पड़ा। दोनों को पुलिस ने मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
हथियार, बाइक और दस्तावेज बरामद
मुठभेड़ स्थल से पुलिस को मिला—
- 0.315 बोर का तमंचा
- दो खाली खोखे
- एक जिंदा कारतूस
- बाइक
- 2,050 रुपये नकद
- ड्रग सप्लाई नेटवर्क से जुड़े अहम दस्तावेज
एएनटीएफ के अनुसार, बरामद दस्तावेज गैंग के कई अन्य सदस्यों और सप्लाई रूट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं।
ड्रग सप्लाई का बड़ा खेपदार
एडीसीपी साउथ रल्लापल्ली वसंत कुमार ने बताया कि पंकज त्रिपाठी कौशांबी से लखनऊ तक ड्रग सप्लाई की मुख्य कड़ी था। उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम इसी वजह से घोषित किया गया था।
जानकारी के मुताबिक वह लंबे समय से फरार था और कई जिलों में सक्रिय नेटवर्क संचालित करता था।
अस्पताल में इलाज, नेटवर्क पर जारी दबिश
घायल पंकज को पुलिस सुरक्षा में अस्पताल भेजा गया है। पुलिस और एएनटीएफ की संयुक्त टीम गैंग के अन्य सदस्यों की धरपकड़ के लिए कई ठिकानों पर दबिश दे रही है।
मुठभेड़ की जानकारी मिलते ही एडीडीसीपी साउथ और एसीपी मोहनलालगंज मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
कार्रवाई में शामिल रहे अधिकारी
कार्रवाई में एएनटीएफ लखनऊ यूनिट के
उपनिरीक्षक मनीष कुमार,
हेड कॉन्स्टेबल धीरेन्द्र राय,
हेड कॉन्स्टेबल राजेश यादव,
हेड कॉन्स्टेबल अजय कुमार यादव
और कॉन्स्टेबल नीरज सिंह शामिल रहे।
