Monday, December 1

बिहार-नेपाल सीमा से 6 माह में 100 से अधिक लड़कियां लापता, अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर गिरोह सक्रिय, NHRC में मामला दर्ज

मुजफ्फरपुर: बिहार-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों से लड़कियों के लगातार गायब होने की घटनाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। पिछले छह महीनों में 100 से अधिक लड़कियों के लापता होने के मामलों के बाद मानवाधिकार अधिवक्ता सुबोध कुमार झा ने राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर कर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

झा ने बताया कि मोतिहारी के रक्सौल, रामगढ़वा, आदापुर समेत अन्य सीमावर्ती इलाकों से लड़कियों के गायब होने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। उनका दावा है कि भारत-नेपाल सीमा पर एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर गिरोह सक्रिय है, जो लड़कियों को बहला-फुसलाकर नेपाल और फिर विभिन्न देशों में भेजता है। जुलाई से नवंबर के बीच 83 लड़कियों के लापता होने की आधिकारिक FIR दर्ज हुई है, जबकि वास्तविक संख्या 100 से अधिक होने का संदेह है।

अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और जघन्य गतिविधियां
अधिवक्ता झा ने कहा कि लापता लड़कियों का इस्तेमाल नशा तस्करी, फर्जी शादी, बच्चा पैदा कराने, ‘जेनरेशन चेंज’, बॉडी पार्ट्स की खरीद-फरोख्त और देह व्यापार जैसी अमानवीय गतिविधियों में किया जा रहा है। इनके प्रमाण नेपाल, चीन, ब्राज़ील, सऊदी अरब, गल्फ कंट्री और अर्जेंटीना तक मिले हैं। हाल ही में प्रशासन और सामाजिक संगठनों के संयुक्त प्रयास से कुछ लड़कियों को बचाया गया, जिनमें एक ही परिवार की चार बेटियां भी शामिल थीं, लेकिन अधिकांश लड़कियां अभी भी लापता हैं।

उच्चस्तरीय जांच की मांग
झा ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए और आयोगों से अनुरोध किया है कि एक सेवानिवृत्त जज की निगरानी में इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल सीमा सुरक्षा, बल्कि बिहार और भारत की नागरिक सुरक्षा पर भी गंभीर चुनौती खड़ी करता है।

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