
बेंगलुरु: बेंगलुरु के होसकोटे के पास बंदपुरा गांव में स्थित 12 एकड़ की जमीन अब विवाद का केंद्र बन गई है। इस संपत्ति के चार दावेदार हैं – और इनमें सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि सभी का नाम राधा है। सभी का दावा है कि वे इस जमीन की असली मालकिन एस. कृष्णन की पत्नी राधा हैं।
एस. कृष्णन की 1986 में मृत्यु हो गई थी और उनके निधन के बाद उनकी पत्नी राधा को जमीन की वैध मालकिन माना गया। लेकिन अब 20 करोड़ रुपए कीमत वाली इस संपत्ति पर कब्जा जताने के लिए चार महिलाओं ने अलग-अलग दावे ठोंक दिए हैं।
पहली ‘राधा’ अब नहीं
सबसे पहला मामला 2023 में उजागर हुआ। राधा के बच्चों ने जमीन को रियल एस्टेट फर्म को बेच दिया था। लेकिन जांच में सामने आया कि जिस राधा के नाम पर गिफ्ट डीड बनाई गई, वह डीड बनने से पहले ही देहांत हो चुकी थी। इस मामले में रियल एस्टेट एग्जीक्यूटिव अश्विन संचेती को गिरफ्तार किया गया, जिसे बाद में हाई कोर्ट से जमानत मिल गई।
दूसरी राधा की वापसी
दूसरी राधा, 65 वर्षीय, तमिलनाडु से लंबे समय बाद बेंगलुरु लौटी हैं। उनका दावा है कि 6 अक्टूबर 1978 को उनके पति ने रजिस्टर्ड सेल डीड के जरिए जमीन खरीदी थी। पति की मृत्यु के बाद वह तमिलनाडु चली गई थीं और अब उन्हें 2023 में जमीन पर कब्जे की जानकारी मिली।
तीसरी और चौथी राधा
तीसरी राधा और उनके दावेदारों ने बताया कि 14 दिसंबर 2022 को राधा की वसीयत के जरिए यह जमीन उनके नाम की गई थी। वहीं चौथी राधा ने भी जमीन को अलग रजिस्ट्रार ऑफिस में अपने नाम पर दर्ज करा लिया। आरोप है कि इन दावेदारों ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से अधिग्रहित जमीन के मुआवजे के रूप में भी राशि हड़पने की कोशिश की।
पुलिस जांच और अदालत
इस जटिल विवाद को देखते हुए अवलाहल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही जिला अदालत में भी सुनवाई जारी है। अब सवाल यह है कि असली राधा कौन हैं और करोड़ों की इस जमीन पर आख़िरकार किसका हक़ कायम होगा।