
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस (DL) आवेदन प्रक्रिया 1 दिसंबर 2025 से पूरी तरह बदल गई है। परिवहन विभाग ने डीएल निर्माण और उससे जुड़े सभी कार्यों की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों को सौंप दी है। इस बदलाव का मकसद पूरी प्रणाली को तेज़, पारदर्शी, तकनीकी और भरोसेमंद बनाना है। इसके साथ ही राज्य के कई जिलों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर (ADTC) पर हाई-टेक ड्राइविंग टेस्ट की शुरुआत भी हो गई है।
नई एजेंसियों के जिम्मे पूरा काम
अब तक DL से जुड़े काम स्मार्ट चिप कंपनी के हाथ में थे, लेकिन नई व्यवस्था में पूरा कार्य तीन कंपनियों में बांट दिया गया है—
- लखनऊ सहित आसपास के जिले: सिल्वर टच कंपनी सभी DL सेवाएं संभालेगी (लर्निंग, स्थायी, डुप्लिकेट, नवीनीकरण)।
- अन्य जिलों में: फोकाम नेट और रोजमार्टा को जिम्मेदारी दी गई है।
नई एजेंसियों ने सभी जिलों में हार्डवेयर इंस्टॉलेशन का काम पूरा कर लिया है और आज से सिस्टम पूरी तरह संचालन में आ गया है।
पुरानी बाधाएं होंगी खत्म
अतीत में आधार कार्ड में पिता के नाम की अनिवार्यता और तकनीकी गड़बड़ियों के कारण DL प्रक्रिया प्रभावित होती रही। पिछले हफ्ते नए सिस्टम इंस्टॉलेशन के दौरान 3–4 दिन तक डीएल अप्रूवल बंद रहा, जिससे हजारों आवेदन लंबित हो गए थे।
नई व्यवस्था से इन समस्याओं के समाधान की उम्मीद है और प्रतिदिन करीब 10 हजार से ज्यादा आवेदनों की प्रोसेसिंग अब आसानी से हो सकेगी।
ADTC पर ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट शुरू
परिवहन विभाग ने आधुनिक तकनीक से लैस ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटरों को भी शुरू कर दिया है। इन सेंटरों पर बिना मानवीय हस्तक्षेप के सेंसर-आधारित टेस्ट लिए जाएंगे, जिससे टेस्ट प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी होगी।
कर्मचारियों का बड़े पैमाने पर स्थानांतरण
नई व्यवस्था के चलते कर्मचारियों की तैनाती में भी बड़े बदलाव किए गए हैं।
- लखनऊ RTO में आसपास जिलों के कर्मचारियों को तैनात किया जा रहा है।
- स्थानीय कर्मचारियों को अन्य जिलों में भेजा जा रहा है।
यह बदलाव लगभग दस साल पुरानी प्रणाली को पूरी तरह नया रूप देगा।
नागरिकों से अपील
परिवहन विभाग ने लोगों से अपील की है कि DL आवेदन और अपडेट से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए समय-समय पर parivahan.gov.in पोर्टल चेक करते रहें और नई प्रक्रिया का पालन करें।