
रांची: झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। अनुराग गुप्ता की नियुक्ति, जो उनके सेवानिवृत्ति के बाद हुई थी, शुरू से ही केंद्र सरकार और कानूनी चुनौतियों के चलते विवादों में रही।
🔹 नियुक्ति पर विवाद और कानूनी चुनौती
भाजपा नेता और झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दायर अवमानना याचिका है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
केंद्र सरकार ने भी इस नियुक्ति को लेकर लगातार तीन बार राज्य सरकार को पत्र भेजा और इसे नियम-विरुद्ध करार दिया। इसके अलावा, अनुराग गुप्ता को आईपीएस अधिकारियों की पदोन्नति से संबंधित यूपीएससी की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया, जो केंद्र सरकार की असंतोष को दर्शाता है।
🔹 पद को लेकर बढ़ा असमंजस
डीजीपी अनुराग गुप्ता की भूमिका पर डीएसपी रैंक के अधिकारियों के प्रमोशन से संबंधित मामलों में सवाल उठे। सूत्रों के अनुसार, यूपीएससी ने उनके कार्यकाल विस्तार की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण कुछ प्रमोशन मामलों पर निर्णय टाल दिया। इन सभी घटनाओं ने उनके पद पर बने रहने को लेकर असमंजस पैदा कर दिया। केंद्र की मंजूरी के बिना पद पर बने रहना मुश्किल होने के कारण अनुराग गुप्ता ने इस्तीफा देना उचित समझा।
🔹 कौन हैं डीजीपी अनुराग गुप्ता
- अनुराग गुप्ता भारतीय पुलिस सेवा के 1990 बैच के अधिकारी हैं।
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त।
- 26 जुलाई 2024 को प्रभारी डीजीपी नियुक्त, फरवरी 2025 में नियमित डीजीपी।
- इससे पहले उन्होंने सीआईडी के डीजी, एंटी करप्शन ब्यूरो के डीजी और डीजी ट्रेनिंग के रूप में कार्य किया।
- रांची के एसएसपी, गढ़वा, गिरिडीह और हजारीबाग के एसपी, साथ ही बोकारो रेंज के डीआईजी के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली।