
देहरादून। केदारनाथ में 15 जून को हुए दर्दनाक हेलिकॉप्टर हादसे से पहले पायलट के आख़िरी शब्द सामने आए हैं। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, पायलट कैप्टन राजवीर सिंह चौहान की अंतिम रेडियो कॉल थी— “कुछ दिखाई नहीं दे रहा, मुड़ रहा हूँ…”। इसके कुछ ही सेकंड बाद हेलिकॉप्टर पहाड़ी से टकरा गया और उसमें सवार सभी 7 लोगों की मौत हो गई।
सुबह की पहली उड़ान बनी आख़िरी यात्रा
आर्यन एविएशन का यह हेलिकॉप्टर (VT-BKA) उस सुबह UCADA के स्लॉट सिस्टम के तहत सबसे पहले उड़ान भरने वाला था। कैप्टन चौहान सुबह 4:30 बजे गुप्तकाशी पहुँचे, मेडिकल व मौसम संबंधी जांचें पूरी कीं और हेलिकॉप्टर ने 5:10 बजे उड़ान भरी। पहले चक्कर में यात्रियों को सुरक्षित पहुँचा दिया गया, लेकिन वापसी के दौरान दुर्घटना हो गई।
घाटी में अचानक छाए बादल, दृश्यता हुई शून्य
रिपोर्ट के मुताबिक, हेलिकॉप्टर को घाटी से बाहर निकलते समय 9,000 फीट की ऊंचाई बनाए रखनी होती है। यह इलाका तेज़ी से बदलते मौसम और अचानक बादलों के आने के लिए बदनाम है।
जैसे ही VT-BKA निकास बिंदु की तरफ बढ़ा, पायलट ने बताया कि सामने घने बादल आ गए हैं। कुछ ही क्षण बाद उनका अंतिम संदेश आया—
“Cannot see anything, turning…”
इसके तुरंत बाद संपर्क टूट गया। CCTV फुटेज और पीछे उड़ रहे अन्य हेलिकॉप्टरों ने भी पुष्टि की कि उस समय घाटी का निकास हिस्सा घने बादलों से पूरी तरह ढका हुआ था।
कौन थे हेलिकॉप्टर में सवार?
दुर्घटना में पायलट कैप्टन चौहान के अलावा निम्न लोगों की मृत्यु हुई:
- विक्रम रावत (45), बद्री-केदार मंदिर समिति
- विनोद देवी (66) और त्रिश्टी सिंह (19), उत्तर प्रदेश
- राजकुमार जायसवाल (41), श्रद्धा जायसवाल (35) और उनकी दो वर्षीय बेटी काशी, महाराष्ट्र
कैप्टन चौहान की पत्नी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।
मौसम निगरानी सिस्टम में गंभीर खामियाँ
AAIB की रिपोर्ट में कई बड़ी लापरवाहियों का खुलासा हुआ है:
- केदारनाथ हेलिपैड पर मौजूद ऑटोमेटेड वेदर इंस्ट्रूमेंट क्लाउड डेटा रिकॉर्ड नहीं करता।
- उस सुबह ऑपरेटरों के व्हाट्सएप ग्रुप पर कोई मौसम सूचना साझा नहीं की गई।
- घाटी में कोई समर्पित मौसम (Met) सुविधा मौजूद नहीं थी।
- पायलट दृश्यता जाँचने के लिए केवल CCTV कैमरों पर निर्भर थे, जो इस क्षेत्र के लिए पर्याप्त नहीं माना जाता।
DGCA ने हादसे के बाद सख्त किए नियम
दुर्घटना के बाद DGCA ने 2023 के नियमों में संशोधन करते हुए निर्देश दिया है कि:
- शटल उड़ानों के लिए एक समर्पित नियंत्रण केंद्र,
- ATC अधिकारी,
- IMD मौसम विशेषज्ञ की मौजूदगी,
- और प्रत्येक सेक्टर के लिए न्यूनतम उड़ान समय अनिवार्य होगा।
AAIB की अंतिम रिपोर्ट का अभी इंतज़ार है।