
नई दिल्ली: दिल्ली और एनसीआर के लोग फिर से वायु प्रदूषण के जाल में फंस गए हैं। बुधवार को सीएक्यूएम (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तीसरे चरण GRAP-3 को हटा दिया था, लेकिन केवल 24 घंटे में ही हवा की गुणवत्ता फिर बिगड़ने लगी। गुरुवार को दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 384 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
एनसीआर में प्रदूषण का हाल:
- फरीदाबाद: AQI 203
- गाजियाबाद: AQI 358
- ग्रेटर नोएडा: AQI 381
- गुरुग्राम: AQI 317
- नोएडा: AQI 391
स्मॉग यानी धुंध और कोहरे का मिश्रण शहरों में लौटता दिख रहा है, जिससे विजिबिलिटी कम और सांस लेना दूभर हो गया है। दिल्ली पिछले दो हफ्तों से लगातार खराब वायु गुणवत्ता से जूझ रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वायु प्रदूषण केवल दिवाली या सर्दियों का ही मुद्दा नहीं है। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने नियमित निगरानी और सुधार के लिए मामलों की औपचारिक सुनवाई के बजाय लगातार सुनवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
सरकार और DPCC के कदम:
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 15 जनवरी तक राजधानी में 6 नए एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने का काम शुरू कर दिया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि ये स्टेशन वास्तविक समय में डेटा देंगे, जिससे प्रदूषण के स्रोतों और प्रभावित इलाकों की सटीक पहचान संभव होगी।
मौसम विभाग की चेतावनी:
मौसम विभाग ने कहा है कि 28 से 30 नवंबर तक वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहेगी। धीमी हवाओं (सिर्फ 5 किमी/घंटा) के कारण प्रदूषण फैल नहीं पा रहा और एक जगह जमा हो रहा है।
विशेष अध्ययन:
IIT दिल्ली की एक स्टडी के मुताबिक, सड़क के रिपेयरिंग वर्क के बाद प्रदूषण में 32% तक कमी आई। हालांकि आस-पास के क्षेत्रों में स्तर अभी भी उच्च बना हुआ है।
निष्कर्ष:
दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों के लिए फिलहाल सावधानी और मास्क पहनना जरूरी है। वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, और GRAP-3 के फिर से लागू होने की संभावना भी बनी हुई है।