Monday, December 1

100 के नए नेपाली नोट पर तीन भारतीय इलाके, चीन की साजिश? भारत ने उठाए सवाल

नई दिल्ली: नेपाल के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को जारी किए गए 100 रुपये के नए नोट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस नोट पर नेपाल का नया राजनीतिक नक्शा छपा है, जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा शामिल हैं। ये तीनों इलाके भारत के क्षेत्र में आते हैं, लेकिन नेपाल इन्हें अपना हिस्सा मानता रहा है।

क्यों बढ़ा विवाद?
नेपाल ने लगभग पांच साल पहले अपना राजनीतिक मानचित्र संशोधित किया और इन इलाकों को शामिल किया था। अब पहली बार इस अपडेटेड मानचित्र को बैंक नोटों पर दिखाया गया, जिससे भारत में विवाद और तनाव बढ़ गया।

चीन का एंगल
नेपाल के नए नोटों की छपाई चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन (CBPMC) ने की है। इससे चीन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। 2015 तक नेपाल के नोट भारत में ही छपते थे। 2020 में तत्कालीन केपी शर्मा ओली सरकार ने नोट छापने के लिए चीन का रुख किया, और इस बीच विवादित नक्शा नोटों पर छप गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने नेपाल के साथ करीबी बढ़ाकर इस कदम को संभव बनाया हो, खासकर 2020 में गलवान घाटी की घटना के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव के समय।

नेपाल राष्ट्र बैंक की प्रतिक्रिया
नेपाल राष्ट्र बैंक के प्रवक्ता गुरु प्रसाद पौडेल ने कहा कि 100 रुपये के नोट पर नक्शा सरकार के निर्णय के अनुसार ही अपडेट किया गया है। नए नोट पर माउंट एवरेस्ट, राष्ट्रीय फूल रोडोडेंड्रोन और लुम्बिनी सहित धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक भी दर्शाए गए हैं।

भारत का रुख
भारत ने पहले ही दो टूक जवाब देते हुए कहा कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा भारतीय क्षेत्र हैं। भारत ने नेपाल के इस कदम को एकतरफा कार्रवाई बताया और चेतावनी दी कि क्षेत्रीय दावों का इस तरह कृत्रिम विस्तार स्वीकार्य नहीं होगा।

नेपाल के नोटों में यह विवाद केवल 100 रुपये के नोट तक सीमित है; अन्य नोटों (10, 50, 500 और 1,000 रुपये) पर नक्शा नहीं है।

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