
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को जल्द ही उत्तर प्रदेश की सबसे लंबी एलिवेटेड रोड की सौगात मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की 4100 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के तहत 21 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड हरहुआ-राजातालाब आउटर रिंग रोड से शुरू होकर शहरी क्षेत्र में वरुणा नदी के किनारे होते हुए नमो घाट तक बनाई जाएगी।
इस रोड के बनने से जौनपुर, प्रयागराज और लखनऊ से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक बिना शहर में प्रवेश किए सीधे नमो घाट पहुंच सकेंगे, जहां से वे काशी विश्वनाथ धाम सहित अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों तक आसानी से जा पाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में अब तक की सबसे लंबी एलिवेटेड रोड 10 किलोमीटर लंबी गाजियाबाद एलिवेटेड रोड है, लेकिन बनारस की यह रोड उससे दोगुनी लंबी होगी।
चार स्थानों से जुड़ेगा पुल
रिंग रोड से नमो घाट के बीच इस एलिवेटेड रोड को चार प्रमुख स्थानों से जोड़ा जाएगा, जिससे शहर के विभिन्न हिस्सों से सीधा आवागमन संभव होगा।
वर्षों पुरानी योजना को मिली मंजूरी
दरअसल, वरुणा कॉरिडोर को शहर के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क से जोड़ने का प्रयास वर्ष 2019 से चल रहा था। पहले ई-रिक्शा ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन हर साल बाढ़ आने से यह योजना लागू नहीं हो सकी। इसके बाद वर्ष 2022 में रिंग रोड फेज-2 से गुजरने वाले वरुणा किनारे एलिवेटेड रोड के लिए सर्वे शुरू हुआ था, परंतु भारी बजट के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
अब केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद यह परियोजना एक बार फिर तेजी से अमल में आने की उम्मीद है। इसके बनने से बनारस के लोगों को जाम के झाम से बड़ी राहत मिलेगी और शहर का ट्रैफिक सिस्टम पहले से अधिक सुचारु और आधुनिक बनेगा।