
लखनऊ (अभिषेक शुक्ला): कांडला-गोरखपुर एलपीजी पाइपलाइन प्रॉजेक्ट में 6.50 करोड़ रुपये का मुआवजा हड़पने का मामला सामने आया है। इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) की शिकायत पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है और लखनऊ, नोएडा और प्रयागराज में पांच ठिकानों पर छापेमारी की है। इस घोटाले में ठेकेदारों और पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है।
मुआवजे का बड़ा हिस्सा प्रयागराज और भदोही से हड़पा गया
घोटाले के अनुसार, प्रयागराज और भदोही जिले से 6.12 करोड़ रुपये का मुआवजा हड़पा गया। प्रयागराज से 4.77 करोड़ रुपये और भदोही से 1.34 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई। इसके अलावा नौ अन्य जिलों—मऊ, वाराणसी, प्रतापगढ़, आजमगढ़, उन्नाव, कानपुर देहात, कानपुर नगर, ललितपुर और रायबरेली—में भी अधिकारियों की मिलीभगत से मुआवजा हड़पने का मामला सामने आया है।
नामजद अधिकारी और छापेमारी
सीबीआई ने एफआईआर में पेट्रोलियम मंत्रालय के जीएम फैसल हसन, IOCL के सीनियर मैनेजर गौरव सिंह, मैनेजर सुनील कुमार अहिरवार, इंजिनियर विनीत कुमार सिंह, सूर्य प्रताप सिंह, तथा अभिषेक पांडेय, विशाल द्विवेदी और आशीष कुमार सिंह को नामजद किया है।
सीबीआई की लखनऊ एंटी करप्शन ब्रांच ने मंगलवार को आरोपितों के पांच ठिकानों पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण सबूत जुटाए। जांच अभी जारी है और एजेंसी पूरे मामले के सभी पक्षों की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।