
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों से पहले एक बड़ा और राजनीतिक रूप से अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महालयुति सरकार ने राज्य में स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिए जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) में 70 प्रतिशत नौकरियां संबंधित जिले के स्थानीय निवासियों (डोमिसाइल उम्मीदवारों) के लिए आरक्षित करने का आदेश जारी किया है।
इस आदेश के तहत राज्य के सभी 31 जिला सहकारी बैंकों पर यह नियम लागू होगा। शेष 30 प्रतिशत पद अन्य जिलों के उम्मीदवारों के लिए खुले रहेंगे। यदि बाहरी जिलों से योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते हैं, तो वे पद भी स्थानीय युवाओं से भरे जाएंगे।
सरकार ने जारी किया आधिकारिक आदेश
राज्य सरकार द्वारा 31 अक्टूबर को जारी सरकारी आदेश (जीआर) में कहा गया है कि यह निर्णय स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
जीआर में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में सभी भर्तियां केवल बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS), TCS-ion (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) या महाराष्ट्र नॉलेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MKCL) जैसी संस्थाओं के माध्यम से ही की जाएंगी।
इससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और जनता का भरोसा सुनिश्चित किया जा सकेगा।
किन्हें मिलेगा 100% मौका?
सरकारी आदेश के अनुसार,
- 70% पद: संबंधित जिले के स्थानीय (डोमिसाइल) उम्मीदवारों के लिए।
- 30% पद: राज्य के अन्य जिलों के उम्मीदवारों के लिए।
- यदि बाहरी जिलों से योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते, तो सभी पद स्थानीय अभ्यर्थियों को दिए जा सकते हैं।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह नियम उन बैंकों पर भी लागू होगा जिन्होंने पहले ही भर्ती विज्ञापन जारी कर दिए हैं।
चुनावों से पहले बड़ा राजनीतिक संदेश
महाराष्ट्र में लंबे समय से स्थानीय निकाय चुनावों का इंतजार है। ऐसे में यह निर्णय सीधे तौर पर स्थानीय रोजगार और मराठी युवाओं की आकांक्षाओं को साधने वाला माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह फैसला आगामी चुनावों में फडणवीस सरकार का मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है, जो ग्रामीण मतदाताओं और सहकारी क्षेत्र से जुड़े वर्गों को आकर्षित करेगा।
सरकार का कहना
सरकार का तर्क है कि सहकारी बैंक ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं, और ऐसे संस्थानों में स्थानीय युवाओं की भागीदारी से जिला स्तर पर वित्तीय सशक्तिकरण और रोजगार सृजन दोनों को बल मिलेगा।
ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया से भ्रष्टाचार पर रोक, भर्ती में पारदर्शिता और जनता का भरोसा भी बढ़ेगा।
संक्षेप में, महाराष्ट्र सरकार का यह कदम जहां स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा, वहीं यह राज्य के राजनीतिक समीकरणों में भी बड़ा प्रभाव डालने वाला फैसला साबित हो सकता है।