Saturday, November 15

दरभंगा ग्रामीण सीट पर एनडीए की ऐतिहासिक जीत, 30 साल बाद जेडीयू ने तोड़ा आरजेडी का ‘गढ़’

दरभंगा, बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में दरभंगा ग्रामीण सीट पर एक ऐतिहासिक परिणाम सामने आया है। यहां पर एनडीए ने पहली बार इस सीट पर विजय हासिल की है, जबकि यह सीट पिछले 30 वर्षों से राजद का अभेद्य किला बनी हुई थी। जेडीयू के उम्मीदवार राजेश कुमार मंडल (उर्फ ईश्वर मंडल) ने राजद के वरिष्ठ नेता ललित यादव को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया है।

राजेश मंडल, जो पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे, ने ललित यादव को 18,453 मतों के अंतर से हराया। मंडल को 80,355 वोट मिले, जबकि ललित यादव को 61,902 वोट प्राप्त हुए। इस परिणाम के साथ जेडीयू ने दरभंगा ग्रामीण सीट पर आरजेडी के 30 साल पुराने शासन को ध्वस्त कर दिया है।

इतिहास और चुनावी संघर्ष:
यह सीट पहले मनीगाछी विधानसभा के नाम से जानी जाती थी, जहां 1952 से 1995 तक कांग्रेस का दबदबा था। 1995 में कांग्रेस से अलग होकर आरजेडी ने ललित यादव को उम्मीदवार बनाया और इस सीट पर पहली बार जीत दर्ज की। इसके बाद से ललित यादव ने लगातार 5 चुनावों में जीत हासिल की और इस सीट को आरजेडी का गढ़ बना दिया।

साल 2010 में हुए परिसीमन के बाद मनीगाछी सीट का नाम बदलकर दरभंगा ग्रामीण विधानसभा कर दिया गया। इस बदलाव के बावजूद, ललित यादव ने इस सीट पर आरजेडी का वर्चस्व बनाए रखा।

एनडीए की ऐतिहासिक जीत और ‘मातृशक्ति’ का योगदान:
इस चुनाव में एनडीए की जीत को लेकर राजेश कुमार मंडल ने कहा, “यह जीत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों के विश्वास की जीत है।” उन्होंने विशेष रूप से महिला मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए इसे जीत का अहम कारण बताया और कहा, “मातृशक्ति का योगदान इस जीत में अहम था।”

राजेश मंडल ने यह भी दावा किया कि मिथिलांचल क्षेत्र की दसों विधानसभा सीटों पर एनडीए को जीत मिली है, जो इस बात का प्रमाण है कि जनता का विश्वास सरकार के प्रति अडिग है।

समान्य स्थिति और आगामी राजनीतिक परिदृश्य:
दरभंगा ग्रामीण सीट पर एनडीए की यह जीत बिहार में आगामी चुनावों और गठबंधन की राजनीति को नया दिशा दे सकती है। यह जीत न केवल जेडीयू के लिए, बल्कि बिहार में एनडीए के गठबंधन के लिए एक बड़ी राजनीतिक सफलता मानी जा रही है।

इस ऐतिहासिक जीत के बाद दरभंगा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में अब से नए राजनीतिक समीकरण बनते दिख रहे हैं, जहां आगामी दिनों में और भी चुनावी हलचल की संभावना बनी हुई है।

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