
पटना/गोपालगंज: जदयू के तेज-तर्रार विधायक मंजीत कुमार सिंह को राज्यमंत्री का दर्जा और सचेतक की जिम्मेदारी मिल गई है। मंजीत सिंह बरौली विधानसभा से विधायक हैं और अपनी बेबाकी, गहन रिसर्च और नियमों के प्रति सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं।
2015 का बंगले विवाद भी चर्चा में रहा
मंजीत सिंह का नाम उन 8 विधायकों में शामिल है जिन्हें सचेतक बनाया गया है। एक समय ऐसा भी आया था जब मंजीत सिंह जदयू में कथित उपेक्षा से नाराज होकर बागी होने के कगार पर थे। तब नीतीश कुमार ने खुद मोर्चा संभाला और मंजीत सिंह को मनाने के लिए कद्दावर नेताओं की फौज उतार दी थी।
2015 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद मंजीत सिंह के सरकारी बंगले पर राजद विधायक अरुण यादव ने जबरदस्ती कब्जा कर लिया था। उस समय मंजीत सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए विरोध जताया, जबकि राजद विधायक का कहना था कि उन्होंने पूछकर बंगले में प्रवेश किया था।
गहन रिसर्च और नियमों के प्रति सख्त रवैया
मंजीत सिंह को बिहार विधानसभा में खड़े होकर सवाल उठाने और गंभीर मुद्दे उठाने के लिए जाना जाता है। वे अपने मुद्दों पर पहले से गहन रिसर्च करते हैं और कानूनी पक्ष भी समझते हैं। यही कारण है कि उनके उठाए गए सवालों के जवाब कभी-कभी किसी के लिए भी चुनौती बन जाते हैं।
लॉ एबाइडिंग एमएलए के रूप में पहचान
मंजीत सिंह को अपने कानून के प्रति सख्त पालन और नियमों का सम्मान करने के कारण लॉ एबाइडिंग एमएलए के रूप में भी जाना जाता है। अब सत्ता में लौटकर वह फिर से बिहार की राजनीति में केंद्रित भूमिका निभाने को तैयार हैं।