
देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस मामले में ऑल इंडिया चकमा स्टूडेंट यूनियन सहित कई छात्र संगठन इसे नस्लीय हमला (हेट क्राइम) करार दे रहे हैं और न्याय की गुहार लगा रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने देहरादून पुलिस और प्रशासन को नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब मांगा है।
लेकिन देहरादून पुलिस ने नस्लीय टिप्पणी या हमले के आरोपों को खारिज कर दिया है। एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि यह मामला दो गुटों के बीच अचानक हुई कहासुनी का परिणाम है, न कि नस्लीय विवाद।
पुलिस की जांच में क्या सामने आया?
पुलिस जांच में यह पाया गया कि एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल चकमा पर हमला करने वाले आरोपी भी पूर्वोत्तर से हैं। हमलावरों में मणिपुर और नेपाल जैसे पर्वतीय इलाकों के युवक शामिल हैं। बोक्सा जनजाति के छः युवकों पर एंजेल पर जानलेवा हमला करने का आरोप है। पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो नाबालिग शामिल हैं। एक आरोपी अभी फरार है, जिस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
घटना का क्रम
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, 17 दिसंबर की रात एंजेल अपने भाई के साथ बाजार से सामान खरीद रहे थे। पास में छह युवकों का समूह शराब पी रहा था। इसी दौरान दोनों पक्षों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया, जो तेज झड़प में बदल गया। आरोपियों ने छात्र पर हमला किया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं और अस्पताल में उपचार के दौरान एंजेल की मौत हो गई।
नेपाल तक फरार आरोपी की तलाश
फरार आरोपी के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी किया गया है। आरोपी नेपाल भाग गया है और पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए सीमा पार टीमें भेजी हैं।
हत्या की धाराओं में मामला दर्ज
सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की सूचना के आधार पर पुलिस ने छह आरोपियों की पहचान की। पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। पुलिस ने छात्र की मौत के बाद मुकदमे में हत्या की धाराएं भी जोड़ दीं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश में नफरत की संस्कृति को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे घृणित मानसिकता का परिणाम बताया।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे मानवता और संवेदनशीलता पर गहरा आघात बताया।
मुख्यमंत्री ने परिवार को दिया भरोसा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एंजेल के पिता तरुण प्रसाद चकमा से फोन पर बात कर दुख जताया और परिवार को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार पूरी तरह उनके साथ खड़ी है।
एसएसपी अजय सिंह ने साफ कहा कि अब तक की जांच में नस्लीय हमला सिद्ध नहीं हुआ, और मामले की निष्पक्ष जांच जारी है।