Monday, December 29

बिहार भूमि दस्तावेज अब घर बैठे! 1 जनवरी 2026 से पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन

 

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पटना: बिहारवासियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब जमीन से जुड़े दस्तावेज पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। राज्य सरकार 1 जनवरी 2026 से भूमि अभिलेख पूरी तरह ऑनलाइन उपलब्ध कराने जा रही है। नागरिक अपने मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए डिजिटल हस्ताक्षर युक्त, कानूनी रूप से मान्य भूमि दस्तावेज घर बैठे डाउनलोड कर सकेंगे।

 

ब्लॉक और सीओ ऑफिस के चक्कर अब नहीं

बिहार सरकार के भू-अभिलेख पोर्टल के माध्यम से यह सुविधा शुरू की जाएगी। अब तक जमीन के कागजात की प्रति लेने में 7 से 14 दिन तक का समय लगता था और स्टांप शुल्क, प्रशासनिक शुल्क व फॉर्म भरने की जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। नई डिजिटल व्यवस्था के तहत यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और दस्तावेज कानूनी रूप से पूरी तरह मान्य होंगे। इन्हें अदालतों, बैंकों और अन्य संस्थानों में स्वीकार किया जाएगा।

 

कैसे काम करेगा नया सिस्टम

नागरिक भू-अभिलेख पोर्टल पर आवेदन करेंगे। आवेदन की जांच के बाद सरकार दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर कर उन्हें पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराएगी। यदि किसी भूमि का रिकॉर्ड पोर्टल पर मौजूद नहीं है, तो उसके लिए भी ऑनलाइन अनुरोध किया जा सकेगा।

 

कौन-कौन से दस्तावेज मिलेंगे

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जमाबंदी, खसरा, भू-मानचित्र, उत्परिवर्तन अभिलेख, पंजीकरण दस्तावेज और कर भुगतान विवरण जैसी महत्वपूर्ण भूमि संबंधी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। सभी दस्तावेज डिजिटल हस्ताक्षर युक्त और पूरी तरह वैध होंगे।

 

सरकार का मकसद और तैयारी

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य राजस्व सेवाओं को सरल, पारदर्शी और नागरिकों के अनुकूल बनाना है। सरकार ने 1995 से अब तक के 23.4 करोड़ से अधिक भूमि दस्तावेजों का डिजिटलीकरण पूरा कर लिया है। इंटरनेट सुविधा न रखने वालों के लिए ब्लॉक कार्यालयों में सहायता केंद्र बनाए जाएंगे। आधार कार्ड आधारित प्रमाणीकरण के जरिए केवल वास्तविक मालिक ही अपने दस्तावेज देख और डाउनलोड कर सकेंगे।

 

अन्य डिजिटल सेवाएं

भूमि दस्तावेजों के साथ-साथ राज्य में ई-पंजीकरण, ई-स्टांपिंग, ऑनलाइन शुल्क भुगतान, ई-कोर्ट फीस और ऑनलाइन उत्परिवर्तन जैसी सेवाएं पहले से लागू हैं। इससे संपत्ति लेन-देन तेज और पारदर्शी हुए हैं। सरकार का कहना है कि यह पहल डिजिटल बिहार की दिशा में बड़ा कदम है और डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप है।

 

 

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