
देश में संविधान और धर्म को लेकर बहस के बीच मुफ्ती शमाइल नदवी अपने एक विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमान गलत रास्ते पर चले और अपने दीन (धर्म) को संविधान से ऊपर रखते आए। इसके बाद कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने नदवी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
क्या कहा मुफ्ती नदवी ने
मुफ्ती नदवी ने अपने बयान में कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे हालात ठीक हों, लेकिन इसका हल किसी सियासी पार्टी में नहीं है बल्कि दीन में है। हमने यह तय किया कि फलां दरबार से फैसला हो जाएगा तो उसे स्वीकार करेंगे। यदि किसी मामले में अल्लाह ने कोई फैसला कर दिया है तो उसकी बजाय हम किसी और की बात को मानें, यह जायज नहीं है।”
संविधान पर उठाए सवाल
मौलाना नदवी के इस बयान ने संविधान और देश से ऊपर धर्म को रखने का संकेत दिया। मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के चेयरमैन शुजात अली कादरी ने कहा कि यह बयान भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने लिखा कि भारत का मुसलमान किसी धार्मिक शासन का समर्थक नहीं है और हमारा रास्ता संविधान, लोकतंत्र और समान नागरिक अधिकार है।
राजीव शुक्ला का रुख
राजीव शुक्ला ने कहा कि मुफ्ती नदवी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि संविधान से ऊपर कुछ भी नहीं है। उन्होंने वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह बयान अनुच्छेद 14, 15, 19 और 25 के खिलाफ है और BNS धारा 196 और 197 के तहत दंडनीय हो सकता है।
इस विवाद ने देश में धर्म और संविधान के बीच संतुलन को लेकर नई बहस शुरू कर दी है।