
बर्लिन (जर्मनी): कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भारत में चुनावी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा कर लिया है और खुफिया एजेंसियों, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने यह बातें जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हार्टी स्कूल में आयोजित संवाद कार्यक्रम “Politics is the Art of Listening” में कहीं। उनका यह कार्यक्रम का वीडियो सोमवार को उनके यूट्यूब चैनल पर भी साझा किया गया।
चुनावी मशीनरी में बुनियादी समस्या
राहुल गांधी ने कहा, “हम भारत में चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं। हमारे लोकतांत्रिक ढांचे पर चौतरफा हमला हो रहा है। निर्वाचन आयोग इस पर जवाब नहीं दे रहा है। जब आप हमारी खुफिया एजेंसियों, सीबीआई और ईडी को देखते हैं, तो पाते हैं कि इन्हें पूरी तरह हथियार में बदल दिया गया है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि ज्यादातर मामले विपक्ष के नेताओं और समर्थकों के खिलाफ दर्ज किए जा रहे हैं, जबकि भाजपा के नेताओं के खिलाफ कोई मामला नहीं है। साथ ही, उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगपति अगर कांग्रेस का समर्थन करना चाहें, तो उन्हें भी ED और CBI के जरिए धमकाया जाता है।
बीजेपी के पास चुनावी शक्ति और धन:
राहुल गांधी ने चुनावी चंदे का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा के पास कांग्रेस की तुलना में बहुत अधिक संसाधन हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि विपक्ष को न केवल भाजपा से लड़ना है, बल्कि उसके द्वारा संस्थागत ढांचे पर किए कब्जे के खिलाफ भी लड़ाई लड़नी होगी।
पर्यावरण और प्रदूषण पर टिप्पणी:
दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण पर राहुल गांधी ने कहा कि समस्या का समाधान सरकारी हस्तक्षेप और ऊर्जा के प्रकार पर निर्भर करता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जर्मनी में उत्पादन अधिक है, लेकिन हवा साफ है।
इजरायल से हथियार खरीद पर जवाब:
राहुल गांधी ने इजरायल से हथियार खरीद और उस पर हुए विवाद पर कहा, “हम कई देशों से हथियार खरीदते हैं, रूस, अमेरिका और इजरायल से भी। मुश्किल हालात में हमें अपनी रक्षा करनी ही होगी। महिलाओं और बच्चों पर बमबारी पूरी तरह गलत है।”