
भारत–पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में पकड़े गए जर्मनी के एक दंपति के मामले में जांच एजेंसियों ने अहम खुलासे किए हैं। श्रीकरणपुर क्षेत्र से हिरासत में लिए गए इस विदेशी दंपति से संयुक्त जांच एजेंसियों (JIC) द्वारा की गई गहन पूछताछ अब पूरी हो चुकी है। जांच के बाद प्रशासन ने दोनों को शो-कॉज नोटिस जारी करते हुए कुल 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, साथ ही उन्हें भारत से डिपोर्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
संवेदनशील सीमा क्षेत्र में गतिविधियों पर उठे सवाल
जांच एजेंसियों के अनुसार, जर्मनी का यह दंपति श्रीगंगानगर के सीमावर्ती क्षेत्र में हाल ही में सामने आए संदिग्ध धर्म परिवर्तन से जुड़े मामले की प्रगति और जानकारी लेने के उद्देश्य से यहां पहुंचा था। पूछताछ के दौरान एजेंसियों को कई महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लगे, जिनके आधार पर कार्रवाई की गई। अधिकारियों का कहना है कि बिना अनुमति और वीजा नियमों के उल्लंघन के चलते यह कदम उठाया गया है।
दिल्ली–मुंबई के रास्ते जर्मनी भेजे जाएंगे
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, दोनों विदेशी नागरिकों को पहले दिल्ली और फिर मुंबई के रास्ते जर्मनी डिपोर्ट किया जाएगा। डिपोर्टेशन की पूरी प्रक्रिया तय नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत की जा रही है, ताकि किसी भी तरह की चूक न हो।
स्थानीय व्यक्ति की भूमिका भी जांच के घेरे में
मामले की जांच में यह भी सामने आया है कि जर्मन दंपति को ठहराने वाला स्थानीय व्यक्ति राजेश कम्बोज पहले जर्मनी में रह चुका है। उसकी भूमिका को लेकर जांच एजेंसियां विभिन्न पहलुओं से पड़ताल कर रही हैं। वहीं, श्रीकरणपुर थाने में इस मामले से जुड़े चार अन्य लोगों से भी लगातार पूछताछ जारी है।
धर्म परिवर्तन के आरोपों के बाद बढ़ा था तनाव
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले श्रीकरणपुर क्षेत्र में संदिग्ध धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था। पुलिस ने किराए के एक मकान में छापेमारी कर कुछ लोगों को हिरासत में लिया था। इस दौरान विदेशी नागरिकों की मौजूदगी और बिना अनुमति की गतिविधियों को लेकर सवाल खड़े हुए। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर कड़ी कार्रवाई की मांग की। हालात बिगड़ते देख पुलिस को अतिरिक्त बल तैनात कर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा।
सीमा से सटे संवेदनशील क्षेत्र में विदेशी नागरिकों की संदिग्ध गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने साफ किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।