
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 25 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी, उस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू स्थित एनआईए की विशेष अदालत में 1597 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और उसके शैडो संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को सीधे तौर पर आरोपी बनाया गया है।
धर्म के आधार पर किया गया पाकिस्तान प्रायोजित हमला
एनआईए ने चार्जशीट में इस हमले को “धर्म के आधार पर किया गया पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमला” करार दिया है। एजेंसी के अनुसार, हमले की साजिश, फंडिंग, आतंकी प्रशिक्षण और ऑपरेशनल सपोर्ट पूरी तरह पाकिस्तान में बैठे आकाओं द्वारा संचालित किया गया।
पाकिस्तानी हैंडलर साजिद जट्ट मुख्य साजिशकर्ता
चार्जशीट में साजिद जट्ट उर्फ हबीबुल्ला मलिक उर्फ साजिद लंगड़ा को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जो इस समय इस्लामाबाद में बैठकर आतंकी गतिविधियों का संचालन कर रहा है। एनआईए के अनुसार—
- साजिद जट्ट पीओके के कोटली स्थित लश्कर मॉड्यूल का ऑपरेशनल कमांडर है
- वही जम्मू-कश्मीर में TRF की कमान संभाल रहा था
- युवाओं को गुमराह कर उन्हें आतंकी प्रशिक्षण दिलाया गया
- भारत में हमले करवाने की साजिश रची गई
लश्कर के इस नेटवर्क को ‘कोटली विंग’ के नाम से जाना जाता है। इस मॉड्यूल में पाकिस्तान में बैठे रफीक नाई उर्फ सुल्तान और रियाज अहमद (मीरपुर-कोटली) की भूमिका भी उजागर हुई है।
‘ऑपरेशन महादेव’ में मारे गए आतंकी भी चार्जशीट में शामिल
एनआईए की चार्जशीट में उन तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों के नाम भी शामिल हैं, जिन्हें जुलाई 2025 में श्रीनगर के दाचीगाम क्षेत्र में ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। ये आतंकी पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले मुख्य शूटर थे।
भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की धाराएं शामिल
एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ
- आतंकवादी गतिविधि,
- साजिश,
- हत्या,
- और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने से संबंधित कड़ी दंडात्मक धाराएं लगाई हैं।
करीब आठ महीने तक चली वैज्ञानिक और तकनीकी जांच के बाद एजेंसी ने हमले के तार सीधे पाकिस्तान तक जोड़ दिए हैं। चार्जशीट में डिजिटल सबूत, कॉल डिटेल, लोकेशन ट्रैकिंग, फंडिंग चैनल और चश्मदीद गवाहों के बयान शामिल हैं।
पर्यटकों पर हमला, देश को झकझोर देने वाली वारदात
पहलगाम हमला हाल के वर्षों में पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है। इस घटना ने देशभर में आक्रोश पैदा किया था और केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा हमला बताया था।