Tuesday, December 16

ऑटोनामस स्टेटस को लेकर केआईटी में बवाल, छात्रों का उग्र प्रदर्शन नए कॉन्फ्रेंस रूम में आग, प्रशासन–विश्वविद्यालय टीम मौके पर

उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित कानपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KIT) में ऑटोनामस स्टेटस को लेकर सोमवार को छात्रों का आक्रोश हिंसक रूप में सामने आया। गुस्साए छात्र-छात्राओं ने कॉलेज परिसर में जमकर हंगामा किया, तोड़फोड़ की और देर शाम नवनिर्मित कॉन्फ्रेंस रूम में आग लगा दी। कॉलेज प्रशासन की तत्परता से आग पर काबू पा लिया गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।

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घटना के दौरान छात्रों और कॉलेज निदेशक के बीच धक्कामुक्की की भी सूचना है। वहीं, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) से निरीक्षण के लिए आई टीम ने भी छात्रों द्वारा अभद्रता किए जाने का आरोप लगाया है।

एक सप्ताह से चल रहा था विरोध

केआईटी को ऑटोनामस स्टेटस दिए जाने को लेकर छात्र पिछले एक सप्ताह से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। सोमवार को यह विरोध उग्र हो गया। छात्रों का आरोप है कि सत्र 2024–25 में कॉलेज प्रशासन ने स्वयं को ऑटोनामस बताते हुए दाखिले किए, जबकि बाद में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। इसके चलते छात्रों से सामान्य कॉलेजों की तुलना में अधिक फीस वसूली गई

छात्रों का कहना है कि ऑटोनामस व्यवस्था के तहत 70 अंकों की जगह केवल 30 अंकों की परीक्षा कराई गई, जबकि विश्वविद्यालय प्रणाली में 70 अंकों की परीक्षा अनिवार्य है। इससे उनकी शैक्षणिक स्थिति असमंजस में पड़ गई है।

इनरोलमेंट और परीक्षा प्रणाली पर सवाल

छात्रों ने आरोप लगाया कि ऑटोनामस होने के कारण इस सत्र में कई छात्रों का AKTU में इनरोलमेंट ही नहीं हो सका। इसका असर बीटेक के साथ-साथ बीसीए और एमसीए के छात्रों पर भी पड़ा है। वहीं, नए दाखिला लेने वाले छात्र भी अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं।

छात्रों का कहना है कि उन्होंने ऑटोनामस कॉलेज के पाठ्यक्रम के अनुसार विषयों का चयन कर पढ़ाई की, लेकिन अब उन पर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम के अनुसार परीक्षा देने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे उनकी मेहनत और समय दोनों पर असर पड़ रहा है।

भारी पुलिस बल तैनात, अधिकारी मौके पर

हंगामे और आगजनी की सूचना मिलते ही एसडीएम नर्वल विवेक मिश्रा, एसीपी चकेरी अभिषेक पांडेय सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में लिया। इसके बाद AKTU के प्रति कुलपति प्रो. राजीव कुमार, डीएसडब्ल्यू प्रो. ओपी सिंह और डिप्टी रजिस्ट्रार आयुष श्रीवास्तव भी कॉलेज पहुंचे।

हालात बिगड़ते देख एडीएम सिटी डॉ. राजेश कुमार भी मौके पर पहुंचे और स्थिति की समीक्षा की।

वार्ता में छात्रों ने रखी समस्याएं

प्रशासन और विश्वविद्यालय की टीम ने छात्रों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं। छात्रों ने अधिकारियों को बताया कि कॉलेज की कथित गड़बड़ियों के चलते कुछ छात्रों के दो से तीन साल तक बर्बाद होने की स्थिति बन गई है। वहीं, अधिक फीस वसूले जाने से उन पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा है।

विश्वविद्यालय की टीम ने छात्रों को आश्वासन दिया कि उनके शैक्षणिक भविष्य और नुकसान को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लिया जाएगा और किसी भी छात्र का अहित नहीं होने दिया जाएगा।

छात्राओं को हॉस्टल में बंद रखने का आरोप

विवाद के दौरान छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन पर हॉस्टल में बंद रखने का भी आरोप लगाया। काफी प्रयासों के बाद छात्राएं बाहर निकल सकीं। इसके बाद मुख्य गेट पर छात्राओं ने भी नारेबाजी कर विरोध दर्ज कराया।

छात्राओं का कहना है कि उन्होंने नियमों के अनुसार फीस जमा की, पढ़ाई की और परीक्षा दी, जिसमें अच्छे अंक भी प्राप्त हुए। अब उनसे विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम के अनुसार दोबारा परीक्षा देने की बात कही जा रही है। पहले वर्ष के लिए बैक-पेपर कराने के प्रस्ताव से वे चिंतित हैं, क्योंकि इससे उनकी अंकतालिका और भविष्य प्रभावित हो सकता है।

वहीं, अंतिम वर्ष के छात्रों ने आशंका जताई कि इस पूरे विवाद का सीधा असर उनके प्लेसमेंट पर पड़ेगा।

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