Friday, December 12

बिलासपुर ट्रेन हादसा: CRS की जांच में खुलासा, काम के लिए अनफिट था लोको पायलट फिर भी लगा दी ड्यूटी

बिलासपुर (छत्तीसगढ़): नवंबर 2025 में बिलासपुर में हुई दर्दनाक रेल दुर्घटना की रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) की जांच रिपोर्ट ने चौंकाने वाला सच सामने ला दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हादसे के समय लोको पायलट ट्रेन चलाने के लिए योग्य नहीं था, बावजूद इसके उसे ड्यूटी पर तैनात किया गया।

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हादसे का विवरण:
चार नवंबर को बिलासपुर संभाग में एक स्थानीय यात्री ट्रेन और मालगाड़ी की टक्कर में लोको पायलट सहित 12 लोग मारे गए और 19 यात्री घायल हुए थे। इस हादसे के बाद रेलवे बोर्ड को CRS बृजेश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट सौंपी गई।

योग्यता परीक्षा में फेल:
रिपोर्ट के अनुसार, लोको पायलट ने 9 जून 2025 को योग्यता परीक्षा दी थी, जिसमें वह असफल रहा। ट्रेन संचालन के दौरान वह मुख्य लोको निरीक्षक (CLI) से मामूली मुद्दों पर भी लगातार फोन पर मार्गदर्शन लेता रहा, जो उसकी ज्ञान और अनुभव की कमी को दर्शाता है।

अनफिट था लोको पायलट:
CRS ने स्पष्ट किया कि सहायक लोको पायलट में एमईएमयू ट्रेन चलाने के लिए आवश्यक गुण जैसे नियमों का ज्ञान, समय पर निर्णय लेना और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता नहीं थी। इसके बावजूद उसे ट्रेन पर तैनात किया गया।

फोन कॉल से खुली पोल:
लोको पायलट ने ट्रेन संचालन के दौरान दो बार CLI को कॉल किया। पहले 10:20 बजे उसने पूछा कि अलार्म चेन पुलिंग होने पर उसे कैसे रीसेट किया जाए। फिर दोपहर 1:11 बजे उसने पार्किंग ब्रेक हटाने की जानकारी लेने के लिए फोन किया। CRS के अनुसार, ये सामान्य समस्याएँ थीं, जिन्हें उसे स्वयं हल करना चाहिए था।

रेलवे प्रशासन पर सवाल:
CRS ने रेलवे बोर्ड को सुझाव दिया कि एमईएमयू ट्रेन मूल रूप से एक व्यक्ति द्वारा संचालित होती है और इसे चलाने के लिए योग्यता परीक्षा अनिवार्य है। बावजूद इसके, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) ने अनफिट लोको पायलट को ड्यूटी पर तैनात कर दिया।

निष्कर्ष:
बिलासपुर रेल हादसा रेलवे सुरक्षा और नियमों की अनदेखी का कड़ा उदाहरण है। CRS ने साफ कहा कि योग्य कर्मचारियों की कमी और नियमों की अवहेलना सीधे हादसों की ओर ले जाती है।

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