
रांची: झारखंड कैडर की 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को राज्य की कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया है। यह जिम्मेदारी उन्हें पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के इस्तीफे के बाद सौंपी गई। इस अहम पद के लिए वरिष्ठ अधिकारियों अनिल पाल्टा (1992 बैच), प्रशांत सिंह (1992 बैच) और एम.एस. भाटिया (1993 बैच) भी दावेदार थे, लेकिन अंततः बाजी तदाशा मिश्रा के नाम रही।
🔹 बोकारो में सख्त अफसर के रूप में बनाई पहचान
बोकारो में एसपी के रूप में कार्यकाल के दौरान तदाशा मिश्रा ने अपराधियों पर कड़ा शिकंजा कसकर अपनी सख्त छवि बनाई। उनके नेतृत्व में रंगदारी, हत्या और अपहरण जैसी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई। उन्होंने कई कुख्यात अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर आधा दर्जन से अधिक अपराधियों का एनकाउंटर किया।
🔹 आनंद सिंह एनकाउंटर से मिली प्रसिद्धि
बोकारो एसपी रहते हुए उनकी सबसे चर्चित कार्रवाई आनंद सिंह एनकाउंटर रही। यह मुठभेड़ धनबाद के बरटांड स्थित मधुलिका स्वीट्स में हुई थी, जिसमें कुख्यात अपराधी आनंद सिंह को ढेर किया गया। इस कार्रवाई ने पूरे झारखंड को हिला दिया। पुलिस को सूचना मिली थी कि आनंद सिंह किसी से मिलने बरटांड आ रहे हैं, जिस पर तदाशा मिश्रा ने धनबाद एसपी मुरारीलाल मीणा के साथ संयुक्त अभियान चलाकर एनकाउंटर को अंजाम दिया।
🔹 राज्य पुलिस को नई दिशा मिलने की उम्मीद
तदाशा मिश्रा की नियुक्ति से झारखंड पुलिस में नई ऊर्जा और मजबूत नेतृत्व आने की उम्मीद है। उनकी सख्त कार्यशैली और निर्णायक रवैया राज्य पुलिस को अपराध नियंत्रण और बेहतर प्रशासनिक दिशा देने में मदद कर सकता है।
झारखंड सरकार ने उम्मीद जताई है कि तदाशा मिश्रा का नेतृत्व राज्य में कानून व्यवस्था को और अधिक मज़बूत बनाएगा।