
मध्य प्रदेश ने मोहन यादव सरकार के दो वर्ष पूरे होने से ठीक पहले एक ऐसी उपलब्धि हासिल कर ली है, जिसकी प्रतीक्षा प्रदेश दशकों से कर रहा था। केंद्र सरकार के 2026 तक देश को नक्सलमुक्त बनाने के लक्ष्य से पहले ही एमपी को पूरी तरह नक्सलमुक्त राज्य घोषित कर दिया गया है। यह घोषणा राज्य के लिए सुरक्षा और विकास के मोर्चे पर एक ऐतिहासिक क्षण है।
“सबसे बड़ी उपलब्धि—40 साल पुरानी समस्या का अंत” : सीएम मोहन यादव
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट कहा—
“हमने हर फील्ड में काम किया है, लेकिन यदि एक उपलब्धि चुननी हो तो वह है नक्सलवाद का खत्म होना। जो लोग खून-खराबे में शामिल थे, वे या तो खत्म कर दिए गए या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया।”
उन्होंने बताया कि सरकार की रणनीति बिल्कुल स्पष्ट थी—
“या तो सरेंडर करो और हम तुम्हें मुख्यधारा में लाएँगे, या फिर हमारे जवानों का आखिरी लाल सलाम झेलने को तैयार रहो।”
इसी साल सुरक्षा बलों ने 10 खतरनाक नक्सलियों को ढेर किया और कई को सरेंडर करने पर मजबूर किया।
एमपी के तीनों नक्सल प्रभावित जिले अब पूरी तरह मुक्त
मध्य प्रदेश के बालाघाट, डिंडोरी और मंडला जिले वर्षों से नक्सली गतिविधियों का केंद्र रहे।
लेकिन अब इन सभी को सरकार ने पूरी तरह नक्सल मुक्त घोषित कर दिया है।
सीएम ने याद दिलाया कि 1999 में कांग्रेस शासनकाल में नक्सलियों ने कैबिनेट मंत्री लखीराम कावरे की उनके घर से घसीटकर हत्या कर दी थी।
उन्होंने कहा—
“आज वह दौर खत्म हो चुका है। प्रदेश सुरक्षित है और विकास के रास्ते पर है।”
42 दिनों में 42 नक्सलियों का सरेंडर
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई के तहत
एमपी-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र में सिर्फ 42 दिनों में 42 माओवादी सरेंडर कर चुके हैं।
बालाघाट में छिपे आखिरी दो सक्रिय कैडर दीपक उइके और रोहित के आत्मसमर्पण के बाद प्रदेश को आधिकारिक रूप से नक्सल मुक्त घोषित किया गया है।
2026 का विजन — किसानों की आय दोगुनी करना
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सरकार का अगला बड़ा लक्ष्य है—
किसानों की आय दोगुनी करना।
उन्होंने कहा, “यदि किसानों की उत्पादन लागत घटे और सिंचाई का दायरा बढ़े, तो यह लक्ष्य मुश्किल नहीं है। खेती सुधरेगी तो राज्य आगे बढ़ेगा और किसानों का जीवन बेहतर होगा।”
उज्जैन सिंहस्थ कुंभ 2028—एक वैश्विक आध्यात्मिक आयोजन
सीएम ने कहा—
“मैं उज्जैन का बेटा हूं। सिंहस्थ मेरे लिए केवल आयोजन नहीं, हमारी पहचान है।”
उन्होंने बताया कि 2028 का कुंभ केवल स्नान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे एक ग्लोबल स्पिरिचुअल प्लेटफ़ॉर्म बनाया जाएगा जहाँ भारतीय ज्ञान, योग, वैदिक विज्ञान और संस्कृति दुनिया के सामने प्रस्तुत की जाएगी।
निष्कर्ष
मोहन सरकार के दो साल पूरे होने पर प्रदेश को मिली “नक्सल मुक्त” घोषणा सिर्फ सुरक्षा की उपलब्धि नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के नए विकास अध्याय की शुरुआत है। सरकार का दावा है कि आने वाला समय किसानों के सुधार, सुरक्षा, और वैश्विक सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करेगा।