
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद बैठक में सागर–दमोह मार्ग को दो लेन से चार लेन मय पेव्हड शोल्डर में उन्नत करने की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। ₹2059.85 करोड़ की यह परियोजना हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) पर विकसित होगी। इसमें 40% राशि मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम वहन करेगा और शेष 60% राशि राज्य सरकार द्वारा 15 वर्ष तक अर्द्धवार्षिक (6-माही) एन्यूटी में दी जाएगी।
🚧 बुंदेलखंड की विकास रेखा बदलेगी
76.680 किमी लंबे इस महत्वपूर्ण मार्ग का उन्नयन राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और राष्ट्रीय राजमार्ग-34 से कनेक्टिविटी मजबूत करेगा। इससे बुंदेलखंड क्षेत्र में—
- कृषि उत्पादन के परिवहन में तेजी
- खनिज संसाधनों के दोहन को गति
- व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार
- कुंडलपुर सहित पर्यटन स्थलों तक सुगम पहुँच
जैसे लाभ व्यापक रूप से मिलेंगे।
🚦 सड़क सुरक्षा व आधारभूत ढाँचा होगा मजबूत
परियोजना में शामिल हैं—
- 13 अंडरपास
- 3 वृहद पुल
- 9 मध्यम पुल
- 1 आरओबी
- 4 बायपास (परसोरिया, गढ़ाकोटा, रोन, बान्सा)
- 13 बड़े व 42 मध्यम जंक्शन
- 21 स्थानों पर कर्व सुधार
- 13 बड़े जंक्शनों पर VUP
वर्तमान 10,300 PCU यातायात और भविष्य में 17,000 PCU की क्षमता को ध्यान में रखते हुए 4-लेन निर्माण आवश्यक माना गया है। यह मार्ग ‘विंध्य विकास पथ’ का हिस्सा होने से कटनी की ओर प्रस्तावित फोर-लेन कॉरिडोर को भी मजबूती मिलेगी।
🚗 लाभ : तेज यात्रा, कम दुर्घटनाएँ, ईंधन की बचत
सड़क के उन्नयन से—
- यात्रा समय में महत्वपूर्ण कमी,
- दुर्घटनाओं में गिरावट,
- ईंधन की बचत,
- और परिवहन तंत्र में समग्र सुधार
देखने को मिलेगा।
बुंदेलखंड विकास की दिशा में यह परियोजना एक बड़ा और निर्णायक कदम सिद्ध होगी।
