Monday, December 8

ऑस्ट्रेलिया में क्यों पढ़ना चाहते हैं भारतीय छात्र? ये 3 प्रमुख वजहें जानकर आप भी लेंगे यहां डिग्री

नई दिल्ली: भारतीय छात्रों के लिए विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के कई विकल्प होते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया एक प्रमुख शिक्षा गंतव्य बनकर उभरा है। यहां हर साल लाखों भारतीय छात्र अपनी उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया का रुख करते हैं। 2025 तक यहां पर 1.30 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। तो, सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों भारतीय छात्र अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा छोड़कर ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करना चाहते हैं? यहां हम आपको बताते हैं इसके पीछे की 3 प्रमुख वजहें:

1. प्रतिष्ठित एजुकेशन सिस्टम

ऑस्ट्रेलिया का शिक्षा तंत्र दुनियाभर में उच्च गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। यहां के विश्वविद्यालय न केवल बेहतरीन अकादमिक मानकों के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि ये छात्रों को व्यावसायिक दुनिया के लिए भी तैयार करते हैं। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में ऑस्ट्रेलिया के कई विश्वविद्यालयों ने जगह बनाई है, जिनमें यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड, मोनाश यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न, और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (ANU) शामिल हैं।

ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा संस्थान न केवल थ्योरी पर जोर देते हैं, बल्कि छात्रों को वास्तविक जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए भी तैयार करते हैं, जो उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाता है।

2. जॉब मार्केट के हिसाब से कोर्स

ऑस्ट्रेलिया में कुल 40 से अधिक विश्वविद्यालय हैं जो 22,000 से ज्यादा कोर्सेज की पेशकश करते हैं। इन कोर्सेज को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वे विभिन्न जॉब सेक्टरों से जुड़े हुए हैं, जिससे छात्रों को अपने पेशेवर लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलती है। छात्र यहां इंजीनियरिंग, बिजनेस, हेल्थ साइंसेज, और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के दौरान छात्रों को इंडस्ट्री-संबंधित कोर्स और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रदान की जाती है, जिससे वे जॉब मार्केट में उतरने के बाद किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करते। यह न केवल उनकी अकादमिक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें अपने चुने हुए क्षेत्र में उत्कृष्ट बनाने में भी मदद करता है।

3. पढ़ाई के बाद नौकरी के अवसर

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के बाद भारतीय छात्रों के लिए नौकरी के अवसर भी काफी बेहतर होते हैं। यहां छात्र सिर्फ पढ़ाई के लिए ही नहीं, बल्कि नौकरी पाने के लिए भी आते हैं। सब-क्लास 500 वीजा के तहत भारतीय छात्रों को पढ़ाई के दौरान हर पखवाड़े 48 घंटे तक पार्ट-टाइम काम करने की अनुमति मिलती है। इसके अलावा, सब-क्लास 485 वीजा के तहत छात्र अपनी डिग्री पूरी करने के बाद ऑस्ट्रेलिया में रहकर काम करने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं। इस वीजा के तहत उन्हें 2 से 6 साल तक ऑस्ट्रेलिया में काम करने की अनुमति मिलती है, जो उनके करियर के लिए एक बड़ा अवसर होता है।

ऑस्ट्रेलिया में काम करने से छात्रों को न केवल अपनी पढ़ाई का व्यावहारिक अनुभव मिलता है, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने करियर को स्थापित भी कर सकते हैं।

निष्कर्ष:
ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा प्राप्त करना भारतीय छात्रों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि यहां का शिक्षा तंत्र न केवल अकादमिक, बल्कि पेशेवर कौशलों में भी छात्रों को सशक्त बनाता है। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के बाद नौकरी के अवसर और अच्छे वीजा प्रावधान छात्रों के लिए आकर्षण का मुख्य कारण हैं। यदि आप भी एक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और बेहतर करियर की तलाश में हैं, तो ऑस्ट्रेलिया आपके लिए एक आदर्श गंतव्य हो सकता है।

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