
हर साल 4 दिसंबर को भारत नौसेना दिवस (Indian Navy Day) मनाता है। यह दिन भारतीय नौसेना के अदम्य साहस, ताकत और शौर्य का प्रतीक है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में ऑपरेशन ट्राइडेंट की ऐतिहासिक सफलता को याद करते हुए यह दिन नौसेनिक पराक्रम को समर्पित किया जाता है।
ऑपरेशन ट्राइडेंट: 4 दिसंबर 1971 का वो दिन जिसने युद्ध का नक्शा बदल दिया
3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा पर भारत के कई सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला किया। इसके जवाब में भारतीय नौसेना ने अगले ही दिन इतिहास रच दिया।
4 दिसंबर 1971 की रात, भारतीय नौसेना की मिसाइल बोट्स —
- INS निपट
- INS नीरघाट
- INS वीर
कराची बंदरगाह पर कहर बनकर टूट पड़ीं। भारत ने पहली बार युद्ध में एंटी-शिप स्टाइक्स (Styx) मिसाइल का इस्तेमाल किया।
कराची पोर्ट में लगी आग कई दिनों तक धधकती रही
भारतीय हमला इतना विनाशकारी था कि पाकिस्तान के गर्व माने जाने वाले जंगी जहाज —
- PNS खैबर
- PNS मुहाफिज
समुद्र में समा गए।
कराची पोर्ट के तेल भंडार जल उठे, तेल की आपूर्ति रुक गई और बंदरगाह कई दिनों तक आग की लपटों में घिरा रहा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और नौसेना दोनों को जबरदस्त नुकसान हुआ।
ऑपरेशन पायथन ने पूरी कर दी रही-सही कसर
8-9 दिसंबर को भारतीय नौसेना ने दूसरा हमला किया — ऑपरेशन पायथन।
इस बार
- INS विनाश
- INS त्रिशूल
- INS तलवार
ने कराची बंदरगाह को लगभग पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कराची पोर्ट पर 10–15 दिन तक आग की लपटें दिखाई देती रहीं। देश का 50% से अधिक तेल भंडार जल गया और पाकिस्तान की सैन्य क्षमता लगभग खत्म हो गई।
पाकिस्तानी सेना घुटनों पर आ गई
ऑपरेशन ट्राइडेंट और पायथन के बाद पाकिस्तान की युद्ध क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई। इसका सीधा असर पूर्वी पाकिस्तान में पड़ा।
16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने 93,000 सैनिकों सहित आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश बना।
Indian Navy Day 2025: इस साल का आयोजन
भारतीय नौसेना 4 दिसंबर 2025 को तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम बीच पर भव्य ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन का आयोजन कर रही है। यह देशभर में नौसेना की ताकत और आधुनिक क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा।
नेवी डे 2025 की थीम
“Combat Ready, Cohesive, Credible and Aatmanirbhar Force”
इस थीम के जरिए नौसेना अपनी
- तत्परता
- विश्वसनीयता
- मजबूती
- आत्मनिर्भरता
को रेखांकित कर रही है। यह भारत की समुद्री सुरक्षा में नौसेना की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है।
निष्कर्ष
4 दिसंबर केवल एक तारीख नहीं, बल्कि भारतीय नौसेना के शौर्य का स्वर्णिम अध्याय है।
कराची पोर्ट पर की गई कार्रवाई ने न सिर्फ पाकिस्तान को परास्त किया, बल्कि दुनिया को भारतीय नौसेना की ताकत और रणनीतिक क्षमता का परिचय भी दिया।