
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राजनीति में उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के बीच जारी टकराव अब खुले आरोप-प्रत्यारोप में बदल गया है। इमरान खान के करीबी सहयोगी और पाकिस्तानी-अमेरिकी पॉलिटिकल एक्टिविस्ट सलमान अहमद ने एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि इस साल अप्रैल में पहलगाम में हुआ आतंकी हमला पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर की प्लानिंग थी।
पहलगाम हमले पर फिर उठी उंगली
सलमान अहमद के अनुसार, जनरल मुनीर ने यह हमला इसलिए करवाया ताकि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव भड़के। उनका दावा है कि मुनीर इस टकराव का इस्तेमाल अपने प्रभाव, पद और प्रतिष्ठा बढ़ाने में करना चाहते थे।
CNN-News18 से बातचीत के दौरान सलमान अहमद ने कहा,
“पहलगाम हमला एक सुनियोजित कार्रवाई थी। मुनीर चाहते थे कि भारत जवाब दे, हालात बिगड़ें और वह खुद को फील्ड मार्शल के रूप में पेश कर सकें।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद चार दिनों तक भारत-पाकिस्तान के बीच हुई झड़प भी मुनीर की रणनीति का हिस्सा थी।
अमेरिकी सांसदों का पत्र और बढ़ते आरोप
सलमान अहमद ने बातचीत में 42 अमेरिकी सांसदों द्वारा साइन किए गए एक हालिया लेटर का जिक्र किया। इसमें ट्रंप प्रशासन से जनरल असीम मुनीर के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच की मांग की गई है।
सलमान का कहना है कि अप्रैल 2022 में इमरान खान को हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान में लोकतंत्र को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा,
“मुनीर पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। वह लोकतंत्र को दबा रहे हैं और अपनी शक्ति को चरम पर ले जाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।”
मुनीर पर ‘तानाशाही’ और ‘क्रूरता’ के आरोप
सलमान अहमद ने आरोप लगाया कि उनके कई रिश्तेदारों को पाकिस्तान में किडनैप और टॉर्चर किया गया, और यह सब आर्मी के दबाव में हुआ।
उनके अनुसार,
“असीम मुनीर खुद को पाकिस्तान का किंग समझने लगे हैं। पिछले सात हफ्तों से उन्होंने इमरान खान से किसी को मिलने तक नहीं दिया। यह उनकी तानाशाही प्रवृत्ति का उदाहरण है।”
चुनावों में हेराफेरी और बढ़ता जनाक्रोश
सलमान अहमद ने दावा किया कि हालिया चुनावों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई और इमरान खान की पार्टी PTI को योजनाबद्ध तरीके से हराया गया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के भीतर आम लोगों में मुनीर के खिलाफ गुस्सा लगातार बढ़ रहा है, और इसी दबाव से बचने के लिए वे अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
निष्कर्ष — गंभीर आरोप, लेकिन आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
सलमान अहमद के आरोप गंभीर हैं और पाकिस्तान-भारत संबंधों के संदर्भ में बेहद संवेदनशील हैं। पाकिस्तान आर्मी और असीम मुनीर की ओर से इन दावों पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
फिर भी, यह विवाद पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और सेना-राजनीति के जटिल रिश्ते पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा करता है।