
पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन अतिक्रमण हटाओ अभियान और ‘बुलडोजर राजनीति’ पर गर्माया रहा। पटना, बेगूसराय से लेकर गया तक चल रही सरकार की अतिक्रमण-विरोधी कार्रवाई पर विपक्ष ने तीखा हमला बोला। लेकिन जवाब में डिप्टी सीएम और गृह विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने साफ शब्दों में कह दिया—“न बुलडोजर मेरा नाम है, न किसी का डर काम करेगा… कानून के खिलाफ कोई नहीं बचेगा।”
‘बुलडोजर बाबा’ नाम पर सदन में हलचल
सदन में बहस की शुरुआत बोधगया के राजद विधायक कुमार सर्वजीत ने की। शुरू में हल्के-फुल्के अंदाज में बात करते हुए उन्होंने अचानक डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर तंज कस दिया।
विधायक ने कहा—
“जिस तरह कोई पिता बड़े प्यार से बेटे का नाम रखता है, उसी तरह सम्राट जी के पिता ने भी उनका नाम रखा होगा। लेकिन आजकल पत्रकार साथियों ने इनका नया नाम ही रख दिया— ‘बुलडोजर बाबा’।”
उन्होंने आगे कहा कि कई पत्रकारों से पूछने पर पता चला कि गरीबों की झोपड़ियां टूटने से यह नाम प्रचलित हुआ है। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा—
“हमारे मित्र का नामकरण मत बिगाड़िए। हमारा भाई डिप्टी सीएम बना है, गरीबों की झोपड़ी उजाड़कर उसका नाम ‘बुलडोजर बाबा’ न बना दीजिए।”
सम्राट चौधरी का पलटवार— “कोर्ट का आदेश, माफिया नहीं बचेगा”
विपक्ष के वार के दौरान सम्राट चौधरी चुपचाप सुनते रहे, लेकिन अपनी बारी आने पर उन्होंने तीखा पलटवार किया।
उन्होंने कहा—
“यहाँ कोई बुलडोजर इश्यू नहीं है। न मेरा नाम बुलडोजर है। मैं केवल सम्राट चौधरी हूं। अतिक्रमण हटाने का फैसला सरकार का नहीं, न्यायालय का है। जिला प्रशासन आदेश का पालन कर रहा है।”
सम्राट चौधरी ने आगे साफ कर दिया कि कार्रवाई केवल माफियाओं पर होगी—
“जमीन माफिया, बालू माफिया, शराब माफिया… कोई बचेगा नहीं। यह मेरी गारंटी है।”
गरीबों को लेकर विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का उदाहरण देते हुए कहा—
“मोदी जी के नेतृत्व में 60 लाख परिवारों को पक्का घर मिला। न जाति पूछी गई, न धर्म।”
अतिक्रमण हटाने पर क्यों बढ़ी सियासत
बिहार में हाल के हफ्तों में कई जिलों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है। कुछ जगहों पर लोगों ने दावा किया कि वे वर्षों से बसे हुए हैं और उनके पास रहने के अलावा कोई अन्य जगह नहीं है। विपक्ष इन्हीं मामलों को आधार बनाकर सरकार को घेर रहा है।
सदन में ‘बुलडोजर’ शब्द गूंजने के बाद माहौल और गरमा गया, जिससे यह मुद्दा अब सीधे सत्ता बनाम विपक्ष की भिड़ंत में बदल चुका है।
निष्कर्ष
बिहार की राजनीति में ‘बुलडोजर’ नया विवादित शब्द बन गया है। जहां विपक्ष इसे गरीबों के खिलाफ कार्रवाई बताकर सरकार पर दबाव बना रहा है, वहीं डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी इसे कानूनी प्रक्रिया बताते हुए माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दे रहे हैं। सदन की बहस से साफ है कि अतिक्रमण और बुलडोजर की राजनीति आने वाले दिनों में और तेज़ हो सकती है।