
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सेना और नागरिक सरकार के बीच खींचतान खतरनाक मोड़ ले रही है। संविधान संशोधन के तहत बनाए गए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) के पद पर पहली नियुक्ति की डेडलाइन बीत चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। इसी के साथ मौजूदा आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर की स्थिति भी असमंजस में है—और सबसे हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तानी सेना को खुद नहीं पता कि उनका असली चीफ आखिर है कौन!
स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि देश की राजनीति और सेना दोनों अनिश्चितता के दौर में फंस गए हैं। CDF पद 27 नवंबर को खाली हो गया, जबकि मुनीर के आर्मी चीफ के कार्यकाल की समय सीमा 29 नवंबर को खत्म हो गई। इसके बावजूद सरकार ने कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया है, जिससे बड़े टकराव के संकेत मिल रहे हैं।
भारत के लिए भी खतरे की चेतावनी
भारतीय NSAB के पूर्व सदस्य तिलक देवाशेर ने ANI से बातचीत में पाकिस्तान के हालात को बेहद खतरनाक बताते हुए कहा कि असीम मुनीर अपनी उपयोगिता साबित करने के लिए किसी भी चरम कदम की ओर बढ़ सकते हैं।
उन्होंने चेताया:
“मुनीर के इतिहास को देखते हुए यह पूरी तरह संभव है कि वे भारत के खिलाफ कोई उकसाने वाली घटना करें। जब सेना को भी यह न पता हो कि असली प्रमुख कौन है, तो हालात और भी खतरनाक हो जाते हैं।”
सियासी कमजोरी और बैकडोर गेम
देवाशेर ने शहबाज शरीफ सरकार पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि:
- सरकार सेना के दबाव में CDF का पद बनाने को मजबूर हुई
- नागरिक नेतृत्व इतना कमजोर है कि वे मुनीर का विरोध खुलकर नहीं कर सकते
- इसी वजह से शहबाज सरकार “पिछले दरवाजे से चाल” चल रही है
सीधे टकराव से बचने के लिए सरकार देरी कर रही है, लेकिन यही देरी एक संवैधानिक संकट को जन्म दे रही है।
CDF नियुक्ति पर रहस्य क्यों?
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जरूर कहा है कि प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। लेकिन—
- 27वें संविधान संशोधन के बाद CDF को CJCSC की जगह लेना था
- 29 नवंबर तक आदेश आना अनिवार्य था
- दो अहम पद खाली पड़े होने से सेना का कमांड स्ट्रक्चर भ्रमित है
पाकिस्तान में यह पहली बार है कि सेना खुद अपने नेतृत्व को लेकर स्पष्ट नहीं है—जो कि सुरक्षा और स्थिरता के लिहाज से बेहद चिंताजनक स्थिति है।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि:
- यदि मुनीर खुद को बचाने या ताकत दिखाने के लिए कोई कदम उठाते हैं, तो देश की सुरक्षा स्थिति और बिगड़ सकती है
- भारत-पाक संबंधों में अचानक तनाव बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं
- राजनीतिक और सैन्य अस्थिरता पाकिस्तान को एक और बड़े संकट में धकेल सकती है