
देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार में बढ़ती भागीदारी को देखते हुए बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने इन्वेस्टमेंट अडवाइजर (IA) और रिसर्च एनालिस्ट (RA) बनने की राह आसान कर दी है। अब किसी भी विषय में ग्रैजुएशन करने वाला व्यक्ति इस क्षेत्र में करियर बना सकेगा।
सेबी ने मंगलवार को जारी दो अहम नोटिफिकेशन में कहा है कि NISM सर्टिफिकेशन एग्जाम पास करना पहले की तरह अनिवार्य रहेगा, लेकिन शिक्षा की बाध्यता को काफी हद तक आसान कर दिया गया है।
नियमों में क्या बदला?
पहले केवल इन विषयों में ग्रैजुएशन या पोस्ट-ग्रैजुएशन करने वाले लोग IA और RA बनने के योग्य थे—
- फाइनेंस
- कॉमर्स
- बिजनेस मैनेजमेंट
- इकॉनमिक्स
- कैपिटल मार्केट
नए नियमों के तहत—
- इंजीनियरिंग,
- लॉ (Law),
- आर्ट्स,
- साइंस,
- या किसी भी अन्य विषय में ग्रैजुएशन करने वाले भी अब आवेदन कर सकते हैं।
शर्त सिर्फ इतनी है कि डिग्री किसी मान्यता प्राप्त भारतीय या विदेशी विश्वविद्यालय से हो।
यह बदलाव उन लाखों युवाओं के लिए बड़ा अवसर है जो निवेश सलाह और मार्केट रिसर्च में करियर बनाना चाहते थे, लेकिन विषयगत योग्यता के कारण आवेदन नहीं कर पा रहे थे।
खोए हुए शेयर सर्टिफिकेट पर बड़ी राहत
सेबी ने निवेशकों की समस्याओं को देखते हुए एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
अब यदि आपके शेयर, बॉन्ड या म्यूचुअल फंड के फिजिकल सर्टिफिकेट खो जाते हैं, तो डुप्लीकेट सर्टिफिकेट जारी कराने के लिए आपको FIR और अखबार में विज्ञापन देने की झंझट से काफी हद तक राहत मिलेगी।
- पहले यह छूट 5 लाख रुपये तक के नुकसान तक ही सीमित थी
- अब इसे बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है
इसका मतलब—10 लाख रुपये तक के मूल्य वाले खोए हुए सर्टिफिकेट के लिए FIR और अखबार में विज्ञापन अनिवार्य नहीं होंगे।
क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?
- बढ़ते निवेशक आधार के साथ बाज़ार को अधिक प्रोफेशनल IA और RA की जरूरत है
- नए नियम फाइनेंशियल सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे
- निवेशकों को अधिक विकल्प और बेहतर सेवाएँ मिलेंगी
- शेयर सर्टिफिकेट से जुड़े कागजी बोझ को कम कर बाज़ार को अधिक निवेशक–अनुकूल बनाया गया है
सेबी के इन निर्णयों ने न सिर्फ फाइनेंशियल मार्केट में करियर की संभावनाओं को विस्तृत किया है, बल्कि निवेशकों के लिए भी प्रक्रियाओं को सरल और सुविधाजनक बनाया है।