Monday, December 1

दमदार रिकॉर्ड का बेड़ागर्क…! कंगारू जहां नतमस्तक हैं, वहीं साउथ अफ्रीका ने भारत को आईना दिखाया

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के लिए घर में टेस्ट सीरीज की हार ने एक बार फिर चिंता की लकीर खींच दी है। तीन मैचों की सीरीज में साउथ अफ्रीका ने भारत को 3-0 से हराकर भारतीय टीम के घरेलू घमंड को चुनौती दी है। घरेलू मैदान पर भारत की ताकत विश्व क्रिकेट में मशहूर रही है, लेकिन अब स्थिति कुछ चिंताजनक नजर आ रही है।

1933 में भारत ने अपने घरेलू मैदान पर पहला टेस्ट खेला था। 92 साल के इतिहास में विदेशी टीमों द्वारा भारत में क्लीन स्वीप करना बेहद दुर्लभ रहा है। 1970 और 1980 के दशक की दमदार वेस्टइंडीज टीम भी यहां सीरीज क्लीन स्वीप नहीं कर पाई थी। श्रीलंका जैसी टीम भी भारत में टेस्ट जीतने में नाकाम रही।

ऑस्ट्रेलिया से बेहतर घरेलू रिकॉर्ड
भारतीय टीम ने अपने घरेलू मैदान पर अब तक 298 टेस्ट खेले हैं, जिसमें सिर्फ 60 में हार का सामना करना पड़ा। यानी भारत ने केवल 20.13 प्रतिशत मैचों में हार झेली है। क्रिकेट की ताकतवर टीम ऑस्ट्रेलिया को अपने घर में 22.83 प्रतिशत मैच हारने पड़े हैं। भारत से बेहतर घरेलू रिकॉर्ड सिर्फ पाकिस्तान का है, जिसे 18 प्रतिशत मैचों में हार मिली है। हालांकि, पाकिस्तान ने लगभग 10 साल तक घरेलू टेस्ट नहीं खेले।

पिछले 13 महीने में घरेलू प्रदर्शन सबसे कमजोर
अक्टूबर पिछले साल से अब तक भारत ने घरेलू टेस्ट में 5 हार झेली है और सिर्फ 2 जीत दर्ज की हैं। इस दौरान घरेलू हारों में भारत को जिम्बाब्वे के अलावा सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने इसी अवधि में केवल एक मैच गंवाया, जिसे भारत ने पर्थ में जीता था।

2013-2023: शानदार रिकॉर्ड
जहां भारत पिछले 13 महीनों में मुश्किल में है, वहीं 2013 से 2023 के बीच टीम का घरेलू प्रदर्शन बेहद शानदार रहा। इस अवधि में भारत ने 46 मैचों में 36 जीत दर्ज की और सिर्फ 3 हार झेली। जीत-हार का अनुपात 12 रहा। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने 54 मैचों में केवल 6 हार का सामना किया, जिनमें से 4 भारत के खिलाफ थे।

साउथ अफ्रीका के खिलाफ हालिया क्लीन स्वीप ने यह साफ कर दिया है कि घरेलू मैदान का रिकॉर्ड हमेशा स्थायी नहीं होता। भारतीय टीम को अब अपने मजबूत घरेलू प्रदर्शन को वापस पाने के लिए रणनीति बदलने की जरूरत है।

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