
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप एविएशन सेक्टर में तेजी से विस्तार कर रहा है। नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट समेत देश के आठ एयरपोर्ट का संचालन कर चुके गौतम अडानी अब पायलटों को ट्रेनिंग देने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए ग्रुप की डिफेंस और एयरोस्पेस कंपनी फ्लाइट सिम्युलेशन टेक्निक सेंटर (FSTC) को खरीदने पर विचार कर रही है।
एफएसटीसी की खास बातें
- एफएसटीसी 13 साल पुरानी कंपनी है और इसके पास गुरुग्राम, हैदराबाद और मुंबई में चार सिमुलेटर फैसिलिटी हैं।
- इसके अलावा कंपनी हरियाणा, सूरत और सोलापुर में चार फ्लाइंग स्कूल भी चलाती है।
- वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी ने 214.5 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 124.2 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट कमाया।
डील कैसे होगी
यह डील होराइजन एयरो सॉल्यूशंस के माध्यम से होगी। यह कंपनी एडीएसटी और प्राइम एयरो के बीच 50-50 की जॉइंट वेंचर है। एडीएसटी अडानी एंटरप्राइजेज की पूरी तरह से सब्सिडियरी है।
एडीएसटी का बिजनेस विस्तार
- दिसंबर 2024 में एडीएसटी ने एयर वर्क्स में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीदी, जिससे एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस और रिपेयर बिजनेस में प्रवेश हुआ।
- इंडेमर टेक्निक्स में 50% हिस्सेदारी लेने के बाद उसकी मौजूदगी और बढ़ी।
- एडीएसटी भारत के रक्षा मंत्रालय को ड्रोन, लोइटेरिंग मिशन और अन्य वॉरफेयर सिस्टम सप्लाई करती है।
क्यों अहम है यह सेक्टर
डिफेंस और एयरोस्पेस अडानी ग्रुप के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। ग्रुप इस सेक्टर में अपना निवेश तीन गुना करने की योजना बना रहा है। एफएसटीसी की इस संभावित डील से एडीएसटी को कॉकपिट क्रू की बढ़ती मांग का फायदा मिलेगा। बढ़ती जियोपॉलिटिकल टेंशन और एडवांस्ड स्किल्स की जरूरत के चलते मिलिट्री पायलटों और एयरलाइंस पायलटों की मांग भी लगातार बढ़ रही है।
अडानी ग्रुप की योजना
ग्रुप ने इस सेक्टर में अब तक 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है और आने वाले समय में इसे और बढ़ाने का इरादा है। पायलट ट्रेनिंग में कदम रखने से अडानी एविएशन ट्रेनिंग के बिजनेस में भी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा।