
नई दिल्ली। राजधानी में वायु प्रदूषण के खिलाफ रविवार को इंडिया गेट के सी-हेक्सागन पर हुआ प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। प्रदर्शन के दौरान कुख्यात नक्सली माडवी हिडमा के पोस्टर दिखाई देने और पुलिसकर्मियों पर मिर्ची पाउडर फेंके जाने की घटना ने पूरे मामले को गंभीर बना दिया है।
शुरुआत में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और उच्च एक्यूआई स्तर को लेकर नारे लगाए, लेकिन कुछ देर बाद नारेबाजी का स्वर बदलने लगा। पुलिस के अनुसार, भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने ‘जल-जंगल-जमीन’ जैसे नारे लगाए और हिडमा के पोस्टर लहराने शुरू कर दिए। इससे प्रदर्शन का उद्देश्य संदिग्ध हो गया और मौके पर तनाव बढ़ गया।
ट्रैफिक अवरोध और एंबुलेंस के रास्ते में बाधा की स्थिति को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से मार्ग खाली करने की अपील की। अधिकारियों के मुताबिक, हटाने की प्रक्रिया के दौरान कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर मिर्ची पाउडर झोंक दिया, जिससे कई जवान घायल हो गए। घायलों का इलाज आरएमएल अस्पताल में जारी है।
डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया, “हालात नियंत्रित करने की कोशिश के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी भिड़ गए। हमारे कई कर्मचारी घायल हुए हैं। मिर्ची पाउडर से हमला किया जाना पहली बार सामने आया है। मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि बड़े शहरों में सक्रिय संदिग्ध नेटवर्क की भूमिका की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि प्रदर्शन के पीछे कोई संगठित प्रयास था या नहीं। केंद्र सरकार पहले ही वर्ष 2025–26 तक नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य घोषित कर चुकी है, ऐसे में इस घटना ने नई चुनौतियों की ओर संकेत किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि शहरी क्षेत्रों में सक्रिय ऐसे तत्वों की पहचान और कार्रवाई समानांतर रूप से नहीं की गई, तो नक्सलवाद उन्मूलन की रणनीति अधूरी रह सकती है।