
नई दिल्ली: दुनियाभर में इस समय कॉपर (तांबा) की मांग तेजी से बढ़ रही है और अब सऊदी अरब भी अपने भविष्य के लिए कॉपर और गोल्ड की ओर देख रहा है। देश की ‘विजन 2030’ योजना के तहत सऊदी अरब ने खनन उद्योग को अपनी अर्थव्यवस्था का तीसरा मुख्य स्तंभ बनाने का लक्ष्य रखा है।
सऊदी अरब का प्लान:
तेल पर निर्भरता कम करने के लिए सऊदी अरब अब कॉपर और गोल्ड इंडस्ट्री को बढ़ावा दे रहा है। सरकार का अनुमान है कि देश में फॉस्फेट, तांबा और बॉक्साइट जैसे खनिज भंडार हैं, जिनकी कीमत लगभग 2.5 ट्रिलियन डॉलर है। इन खनिजों का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी और नवीकरणीय ऊर्जा जैसी तकनीकों में हो रहा है।
खनन लाइसेंस और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां:
सऊदी अरब ने कई कंपनियों को खनन का लाइसेंस दिया है। भारत, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और चीन की कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं। इसका उद्देश्य सऊदी अरब को खनन का हब बनाना है।
कॉपर की बढ़ती डिमांड क्यों:
ग्रीन इकोनॉमी और नई टेक्नोलॉजी जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, सोलर पैनल और विंड टरबाइन में तांबे की मांग तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि साल 2030 तक तांबे की मांग लगभग 600% तक बढ़ सकती है।
मुख्य उत्पादक देश:
तांबे के उत्पादन में चिली, कांगो, पेरू, चीन, अमेरिका, रूस और ऑस्ट्रेलिया सबसे आगे हैं। चिली दुनिया का सबसे बड़ा तांबा उत्पादक देश है और यहाँ की दो सबसे बड़ी खदानें—एस्कोंडिडा और कोलाहुआसी—विशाल उत्पादन कर रही हैं।
दुनिया में तांबा की मात्रा:
अब तक करीब 70 करोड़ मीट्रिक टन तांबा निकाला जा चुका है। उपलब्ध भंडार में लगभग 2.1 अरब मीट्रिक टन तांबा और मौजूद है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पृथ्वी पर कुल तांबा लगभग 6.3 अरब मीट्रिक टन हो सकता है।
कॉपर की कीमत में तेजी:
दुनियाभर में कॉपर की कीमत तेजी से बढ़ रही है। भारत में MCX पर तांबे के वायदा कारोबार की कीमत 1000 रुपये प्रति किलोग्राम के पार जा चुकी है। इस साल की शुरुआत से अब तक कीमत में 20% से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
आप कैसे कर सकते हैं कमाई:
निवेशक कॉपर में निवेश करके फायदा उठा सकते हैं। इसके लिए विकल्प हैं:
- कॉपर ETF में निवेश
- खनन कंपनियों के शेयर में निवेश
- कॉपर फ्यूचर्स में ट्रेडिंग
ध्यान दें: इन निवेशों में जोखिम भी शामिल है, इसलिए निवेश करने से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें।