
कानपुर/दिल्ली, 22 नवंबर। दिल्ली आतंकी हमले की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है। पूर्व में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में 2006 से 2013 तक फार्माकोलॉजी विभाग में प्रवक्ता और बाद में विभागाध्यक्ष रह चुकी डॉ. शाहीन पर जैश की महिला विंग संचालित करने का आरोप है। खुफिया इनपुट के मुताबिक, उसके संपर्क में कानपुर की नौ युवतियां रही हैं, जिनकी तलाश में एनआईए और एटीएस की टीमें सक्रिय हैं।
अतिसंवेदनशील इलाकों में छापेमारी
पुलिस ने जाजमऊ, बेकनगंज, चमनगंज, रावतपुर और काकादेव जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सर्च अभियान तेज कर दिया है।
जांच टीमें—
- संदिग्धों की तस्वीरें
- मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर)
के आधार पर सुराग जुटा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन को जल्द कानपुर लाकर युवतियों से आमना-सामना कराया जा सकता है।
डॉ. आरिफ की गिरफ्तारी के बाद बढ़ा सर्कल की जांच
दिल्ली ब्लास्ट के बाद कार्डियोलॉजी में डीएम कर रहे डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर को गिरफ्तार किया गया था, जो अशोक नगर में किराए के फ्लैट में रह रहा था।
इसके बाद—
- कमिश्नरेट पुलिस ने किरायेदार सत्यापन अभियान दोबारा शुरू किया
- एनआईए, एटीएस और आईबी की दो-दो टीमें शहर में सक्रिय होकर संपर्कों की पड़ताल कर रही हैं
सूत्रों का दावा है कि महिला विंग की सभी नौ युवतियां पहले डॉ. शाहीन के भाई परवेज के संपर्क में आई थीं।
धन और ‘धार्मिक प्रचार’ के नाम पर की गई भर्ती
युवतियों ने पूछताछ में बताया कि—
- उन्हें आर्थिक मदद का भरोसा दिया गया
- लखनऊ, बिजनौर, बरेली, मेरठ, सहारनपुर, बहराइच और संभल सहित कई जिलों में सभाओं में ले जाया गया
कुछ लड़कियों ने यह भी स्वीकार किया कि वे गरीबी और पारिवारिक विघटन के कारण इस जाल में फंस गईं।
होटल में हुई पहली मुलाकात, फिर खुला राज
जांच में सामने आया है कि 2024 मार्च से 2025 के बीच ‘दीनी तालीम’ के नाम पर जरूरत बताने वाले पर्चे लगाए गए थे।
उन पर दिए नंबरों पर संपर्क करने वाली युवतियों को—
- लखनऊ के एक होटल में बुलाया गया
- जहां पहले परवेज से
- फिर नकाबपोश महिला से मुलाकात हुई, जो बाद में डॉ. शाहीन निकली
मार्च 2025 में बाराबंकी के एक मदरसे में ठहराव के दौरान चार युवतियों को गतिविधियों पर संदेह हुआ और वे रात में ही वहां से निकल गईं। बाकी भी बाद में भाग गईं।
जांच एजेंसियों को मिले अहम इनपुट
सूत्रों के मुताबिक—
- डॉ. शाहीन के नेटवर्क
- वित्तीय लेनदेन
- संपर्क सूत्रों
से जुड़े नए इनपुट मिले हैं।
अब एजेंसियां इन तथ्यों का क्रॉस-वेरिफिकेशन कर रही हैं और जल्द कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।