Wednesday, December 10

राजस्थान में पंचायत व निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: 15 अप्रैल 2026 तक हर हाल में कराएं चुनाव, 31 दिसंबर 2025 तक परिसीमन पूरा करें

जयपुर। राजस्थान में पंचायत और नगर निकाय चुनाव को लेकर जारी अनिश्चितता अब समाप्त हो गई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो टूक निर्देश देते हुए कहा है कि 15 अप्रैल 2026 तक पंचायत और निकाय चुनाव हर हाल में कराए जाएं, जबकि परिसीमन की पूरी प्रक्रिया 31 दिसंबर 2025 तक अनिवार्य रूप से पूरी कर ली जाए। अदालत के इस आदेश के बाद चुनाव प्रक्रिया को लेकर तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हो गई है।

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हाईकोर्ट की डबल बेंच का बड़ा आदेश

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस.पी. शर्मा और न्यायमूर्ति संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने शुक्रवार को पंचायत परिसीमन और चुनाव में देरी को लेकर दायर 439 से अधिक याचिकाओं पर एक साथ फैसला सुनाया।

कोर्ट ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया में न्यायालय हस्तक्षेप नहीं करेगा। इससे जुड़ी शिकायतों पर फैसला राज्य स्तरीय समिति ही लेगी। साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम परिसीमन नोटिफिकेशन जारी होने के बाद उसे अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी

सरपंच–प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने के फैसले पर भी कोर्ट का समर्थन

कई याचिकाओं में कार्यकाल पूरा कर चुकी पंचायतों और पंचायत समितियों में सरपंचों व प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने के सरकारी निर्णय को चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार का यह कदम कानूनी रूप से सही है और इसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी: “सरकार कब तक चुनाव टालती रहेगी?”

सुनवाई के दौरान जब महाधिवक्ता चुनाव की कोई निश्चित तिथि नहीं बता सके, तो अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा—
“सरकार कब तक पंचायत और निकाय चुनाव लटकाए रखना चाहती है?”

पहले कोर्ट 31 मार्च 2026 तक चुनाव कराने का आदेश देने जा रही थी, लेकिन अधिवक्ताओं ने बोर्ड परीक्षाओं का हवाला दिया। इसके बाद अदालत ने 15 दिन का अतिरिक्त समय देते हुए अंतिम तिथि 15 अप्रैल 2026 तय कर दी।

याचिकाकर्ताओं की दलील: “चुनाव एक दिन भी स्थगित नहीं हो सकते”

याचिकाकर्ता पक्ष के अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने कहा कि 6,700 से अधिक पंचायतों के चुनाव टालना संविधान के अनुच्छेद 243E और 243K का उल्लंघन है।
उनका तर्क था कि कार्यकाल पूरा होने के बाद पंचायत चुनाव एक दिन भी टाले नहीं जा सकते, और पदमुक्त सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करना गलत है।

नगर निकायों पर भी सवाल, मनमाने ढंग से प्रशासक नियुक्त करने का आरोप

संयम लोढ़ा की याचिका पर सुनवाई में अधिवक्ता पुनीत सिंघवी ने बताया कि 55 नगरपालिकाओं का कार्यकाल नवंबर 2024 में समाप्त हो गया, लेकिन सरकार ने चुनाव नहीं कराए और बिना अधिकार प्रशासक नियुक्त कर दिए।
यह नगरपालिका अधिनियम 2009 का उल्लंघन है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा को छोड़कर स्थानीय निकाय चुनाव टाले नहीं जा सकते

अब कब होंगे राजस्थान पंचायत–निकाय चुनाव?

  • परिसीमन प्रक्रिया: 31 दिसंबर 2025 तक अनिवार्य
  • पंचायत व निकाय चुनाव: 15 अप्रैल 2026 तक हर हाल में पूर्ण
    हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य में लंबे समय से चली आ रही चुनावी देरी और अनिश्चितता समाप्त हो गई है। अब सरकार पर निर्धारित समय-सीमा में पूरी प्रक्रिया निष्पादित करने का सीधा दबाव होगा, ताकि स्थानीय निकायों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की वापसी सुनिश्चित की जा सके।

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