
नई दिल्ली: घर में चूहों का आतंक हर किसी के लिए परेशान करने वाला होता है। यह न केवल कपड़ों–अनाज को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि कई गंभीर बीमारियां फैलाने का खतरा भी बढ़ा देते हैं। बाजार में चूहे मारने के अनेक महंगे तरीके उपलब्ध हैं, लेकिन सोशल मीडिया क्रिएटर अंकुर (एक्सपेरिमेंट भैया) ने एक ऐसा उपाय बताया है जो सस्ता, प्राकृतिक और बेहद प्रभावी है।
अंकुर के अनुसार, कनेर का फल चूहों को घर से दूर रखने का एक अचूक तरीका है। उनका दावा है कि इस फल का बीज चूहों के लिए जहर जैसा काम करता है, जिससे चूहे घर छोड़कर भाग जाते हैं।
कनेर के फल से कैसे भागते हैं चूहे?
कनेर, जिसे आमतौर पर सजावटी पौधे के रूप में जाना जाता है, अपने जहरीले गुणों के कारण भी प्रसिद्ध है। इसके बीजों में थीवेटिन (Thevetin) नाम का केमिकल पाया जाता है।
- इसकी तेज गंध चूहों को पास नहीं आने देती।
- बीज का टॉक्सिन चूहों के नर्वस और हृदय तंत्र को प्रभावित करता है।
- इसे खाने पर चूहों के शरीर में तेज गर्मी पैदा होती है, जिससे वे तुरंत उस जगह को छोड़कर भाग जाते हैं।
अंकुर का कहना है कि यही वजह है कि कनेर का फल चूहों पर तेजी से असर दिखाता है और उन्हें हमेशा के लिए दूर रखता है।
कैसे करें इस्तेमाल?
कनेर के फल के बीजों का उपयोग करने का तरीका बेहद आसान है—
- फल को सावधानी से छीलें और उसका बाहरी हिस्सा हटा दें।
- अंदर के बीज निकालकर उन स्थानों पर रखें, जहां चूहे अक्सर दिखाई देते हैं—
- रसोई के कोने
- स्टोर रूम
- फर्नीचर के नीचे
- चूहों के बिल के पास
- बीज रखने के बाद कुछ दिनों तक निगरानी रखें।
अंकुर के अनुसार, चूहे जल्द ही इन जगहों पर आना बंद कर देंगे।
सावधानी बेहद जरूरी
कनेर के बीज जहां चूहों के लिए खतरनाक हैं, वहीं मनुष्यों और पालतू जानवरों के लिए भी विषैले होते हैं।
- बीजों को बच्चों और पालतू कुत्तों–बिल्लियों की पहुंच से दूर रखें।
- बीज छूने के बाद हाथ जरूर धोएं।
- खाना–पीना या खुले स्थानों के बिल्कुल पास बीज न रखें।
क्यों माना जा रहा सबसे सस्ता और आसान तरीका?
- कनेर का पौधा लगभग हर इलाके में आसानी से मिल जाता है।
- इसके लिए किसी महंगे पेस्ट कंट्रोल या रसायन की जरूरत नहीं होती।
- पूरी प्रक्रिया सरल, प्राकृतिक और बजट–फ्रेंडली है।
इस वजह से यह तरीका उन लोगों के लिए खासतौर पर उपयोगी है जो रसायन–मुक्त या कम खर्चीला समाधान ढूंढ रहे हैं।
डिस्क्लेमर
इस लेख में बताए गए उपाय इंस्टाग्राम वीडियो और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी पर आधारित हैं। एनबीटी किसी भी दावे की सटीकता या प्रभावशीलता की जिम्मेदारी नहीं लेता। किसी भी विषैले पौधे का उपयोग करते समय सावधानी जरूर बरतें।