
नई दिल्ली: 44वें इंडिया इंटरनैशनल ट्रेड फेयर का शुक्रवार को धूमधाम से उद्घाटन हुआ, लेकिन पहले दिन विदेशी पवेलियन में आधुनिक तकनीक और मशीनी उपकरणों का अभाव दिखा। इस साल के फेयर में 12 देशों की कंपनियां शामिल हुईं, लेकिन उनके स्टॉल्स पर केवल पारंपरिक उत्पादों की प्रदर्शनी देखने को मिली, जैसे सलवार सूट, कॉस्मेटिक्स, स्टोन रिंग, होम डेकोर, ड्राई फ्रूट्स, मिठाई, चॉकलेट और कुछ सामान्य किचन आइटम्स।
हांगकांग से आया एकमात्र विदेशी स्टॉल
हालांकि, चीन की भागीदारी को लेकर भारत ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (ITPO) ने काफी प्रचार किया था, लेकिन इस बार चीन से कोई भी स्टॉल ट्रेड फेयर में नहीं आया। इसके बजाय, हांगकांग की एक कंपनी Onyx ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई। इस कंपनी का स्टॉल बड़े आकार के पत्थर के गमले, जार, प्लेट और कटोरी जैसे घरेलू सामानों की प्रदर्शनी के लिए था। कंपनी के निदेशक मो. शौकत अली ने बताया कि ये सामान अफगानिस्तान से खरीदे जाते हैं और भारत में बेचे जाते हैं।
विदेशी पवेलियन में क्या था खास?
इस साल के ट्रेड फेयर में थाईलैंड, दुबई, ईरान, अफगानिस्तान, कोरिया, तुर्की, इजिप्ट और ट्यूनीशिया के 80 से अधिक स्टॉल लगे हैं। इनमें से अधिकतर स्टॉल्स पर पारंपरिक और किफायती उत्पाद बिक रहे हैं, जैसे सलवार सूट, फैंसी आइटम्स, ड्राई फ्रूट्स आदि। अफगानिस्तान और ईरान के स्टॉल्स पर ड्राई फ्रूट्स बिक रहे थे, जबकि कई एजेंटों ने बताया कि वे लाजपत नगर में ड्राई फ्रूट का कारोबार करते हैं।
थाईलैंड का प्रमुख स्थान
इस बार थाईलैंड के स्टॉल्स सबसे अधिक थे, जिनमें मुख्य रूप से सलवार सूट और फैंसी आइटम्स बिक रहे थे। इन स्टॉल्स के माध्यम से थाईलैंड ने अपनी संस्कृति और उत्पादों को भारत के बाजार में प्रस्तुत किया।
दिल्ली पवेलियन में क्या है खास?
दिल्ली पवेलियन में राजधानी के विभिन्न जिलों से आए MSME, शिल्पकारों, स्टार्टअप्स और छोटे उद्यमियों को अपने प्रोडक्ट और सेवाओं का प्रदर्शन करने का मौका दिया गया है। इस पवेलियन को लाल किला की थीम पर डिज़ाइन किया गया है, जिसमें कुल 49 स्टॉल्स लगाए गए हैं। खास बात यह है कि इनमें से कुछ स्टॉल्स में महिला उद्यमियों और SC/ST आधारित इकाइयों को विशेष रूप से बढ़ावा दिया गया है।
ITPO का बिना बयान के फेयर का उद्घाटन
इस साल ट्रेड फेयर की शुरुआत ITPO ने बिना कोई औपचारिक बयान जारी किए की है, जिससे कई व्यवसायियों और आगंतुकों के बीच कुछ भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। फिर भी, यह ट्रेड फेयर दिल्ली में एक प्रमुख व्यावसायिक आयोजन के रूप में देखी जा रही है और इसके माध्यम से वैश्विक व्यापार के संबंधों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
इस बार के इंडिया इंटरनैशनल ट्रेड फेयर में विदेशी पवेलियन में आधुनिक तकनीकी उत्पादों की कमी देखी गई, लेकिन पारंपरिक और हैंडक्राफ्ट प्रोडक्ट्स की प्रदर्शनी ने विभिन्न देशों की सांस्कृतिक विविधता और शिल्पकला को सामने लाया है। दिल्ली पवेलियन ने भी स्थानीय उद्यमियों को एक मंच प्रदान किया है, जो व्यापारिक दृष्टिकोण से सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकता है।