
नई दिल्ली: लाल किला ब्लास्ट मामले में अब भी एक मरीज वेंटिलेटर पर है, और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, बाकी घायलों में से 4 और मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस प्रकार अब तक 7 मरीजों को छुट्टी मिल चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि बाकी सभी मरीजों की हालत स्थिर है, और वे तेजी से रिकवर हो रहे हैं, लेकिन एक मरीज की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
ब्लास्ट में घायलों की संख्या और इलाज
सोमवार शाम को लाल किले के पास हुए विस्फोट में 10 लोगों की मौत हो गई थी और 27 लोग घायल हुए थे। घायलों को एलएनजेपी और सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में एडमिट किया गया था, जिनमें से 26 मरीजों को एलएनजेपी अस्पताल में और एक मरीज को सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में इलाज दिया जा रहा है।
अब तक की मौतें और पोस्टमॉर्टम
इस ब्लास्ट में कुल 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 8 शवों का पोस्टमॉर्टम कर दिया गया और उनके परिजनों को सौंपे गए। दो शवों की पहचान डॉक्टर उमर और बिलाल के रूप में की गई है। डॉक्टर उमर के शव की पहचान डीएनए जांच से की गई, जबकि एक अन्य शव की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
घायलों का इलाज और स्थिति
इस समय 19 घायलों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज 60 प्रतिशत जल चुका है और उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस मरीज के शरीर के अधिकतर हिस्से जल गए हैं, और एक पैर भी कट चुका है, जबकि दोनों हाथों में फ्रैक्चर है। उसकी सर्जरी की गई है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि उसकी हालत में अभी सुधार की कोई उम्मीद नहीं है।
बाकी सभी घायलों को एक ही वॉर्ड में रखा गया है, जहां उन्हें एक साथ इलाज और फॉलोअप दिया जा रहा है। सभी मरीजों की देखभाल के लिए डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम बनाई गई है।
घायलों को घर तक छोड़ा
अस्पताल प्रशासन ने घायलों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था की थी। शुक्रवार को चार और मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई और उन्हें घर भेजा गया।
निष्कर्ष:
लाल किला ब्लास्ट मामले में घायलों की संख्या बढ़ चुकी है, लेकिन अस्पताल में उनका इलाज जारी है। कई मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है, जबकि एक मरीज की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। इस घटना में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 8 शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है।