Thursday, November 13

निमाड़ के किसानों के एफपीओ की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सराहना से प्रेरित होकर रसायन मुक्त खेती की ओर अग्रसर

इंदौर, 31 अक्टूबर 2025

निमाड़ क्षेत्र के किसान, जो अपनी मेहनत से फसलों को सींचते हैं, अब रसायन मुक्त खेती की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। यह बदलाव प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सराहना से प्रेरित होकर आया है, जिन्होंने निमाडफ्रेश एफपीओ के किसानों के प्रयासों को दिल्ली में एक विशेष कार्यक्रम में सराहा था। नाबार्ड द्वारा रचित इस किसान प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन से जुड़े 750 शेयरधारक और 3,000 सक्रिय किसान अब मिलकर यह संकल्प ले चुके हैं कि वे अपनी खेती में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं करेंगे और साथ ही वर्षा के जल को सहेजने के लिए भी कदम उठाएंगे।

11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ हुई मुलाकात में उन्होंने किसानों को खेती के नए तरीके अपनाने के लिए प्रेरित किया। एफपीओ के डायरेक्टर बालकृष्ण पाटीदार ने बताया कि प्रधानमंत्री से मिलने के बाद, एफपीओ ने अपनी दिशा बदली है और अब वे नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ-साथ मिट्टी के स्वास्थ्य के प्रति भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

निमाडफ्रेश की ओर बढ़ते कदम

निमाडफ्रेश एफपीओ ने 2022-23 में यूरोप में पहली बार हरी मिर्च की खेप भेजी थी। इसके बाद मिर्च, धनिया और हल्दी के प्रोडक्ट्स बनाने का निर्णय लिया, जिसके फलस्वरूप 2023-24 में एफपीओ ने 73 लाख रुपये का टर्न ओवर प्राप्त किया। 2024-25 में, एफपीओ ने काबुली चना ग्रेडिंग और क्लीनिंग यूनिट शुरू की। इस एफपीओ ने बिचौलियों से मुक्ति दिलाकर किसानों को सीधे खरीद-बिक्री की सुविधा प्रदान की।

एफपीओ ने नाबार्ड और एसबीआई के सहयोग से 12 करोड़ रुपये का टर्न ओवर हासिल किया है। इसके बाद, एफपीओ ने खरगोन कलेक्टर और कृषि विभाग से मिलकर इस नई दिशा पर मार्गदर्शन भी लिया।

वर्षा जल संरक्षण और किसानों की दोगुनी आय के लिए प्रतिबद्ध

एफपीओ की यह नई रणनीति न केवल किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह जल संसाधन संरक्षण और जहर मुक्त खेती के लिए भी एक प्रेरणा बन रही है। किसानों का यह प्रयास न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि यह उनके अपने और नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में भी मददगार साबित होगा।

निमाडफ्रेश के किसानों का यह संकल्प उनके कृषि क्षेत्र में नए बदलाव और समृद्धि का प्रतीक बन रहा है, जो आगे चलकर पूरे निमाड़ क्षेत्र के लिए एक मॉडल बन सकता है।

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