
रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में परिवहन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है। एसटीएफ ने ओवरलोड ट्रकों से अवैध वसूली करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया, जिसमें मुख्य आरोपी मोहित सिंह गिरफ्तार हुआ। इस मामले में कुल 11 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
गिरोह की कार्यप्रणाली
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि रायबरेली-फतेहपुर मार्ग पर ओवरलोड ट्रकों, खासकर मोरंग और गिट्टी से लदे वाहनों को बिना जांच-पड़ताल के पास कराया जा रहा है। जांच में सामने आया कि मोहित सिंह और उसका साथी सुनील यादव प्रति ट्रक 5,000 रुपये वसूलते थे, जिसमें से 500 रुपये दलालों के हिस्से में जाते थे और बाकी राशि परिवहन विभाग के अधिकारियों को पहुंचाई जाती थी।
एसटीएफ ने मोहित को लालगंज कोतवाली क्षेत्र में एक स्कॉर्पियो कार सहित गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से 114 ट्रकों और डंपरों की पूरी लिस्ट, बैंक के एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड, चेकबुक और नकदी भी बरामद हुई।
मुख्य आरोपी अधिकारी
मुख्य आरोपी अधिकारियों में शामिल हैं:
- रायबरेली के एआरटीओ प्रवर्तन अंबुज
- पीटीओ रेहाना बानो
इनके अलावा अन्य आरोपी: दीवान नौशाद, ड्राइवर सुशील, फतेहपुर के एआरटीओ पुष्पांजलि, चालक सिकंदर, पीटीओ अखिलेश चतुर्वेदी, अशोक तिवारी, सुनील यादव और मिथुन। इन सभी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई।
STF की कार्रवाई और आगे की जांच
एसटीएफ के इंस्पेक्टर अमित तिवारी ने लालगंज कोतवाली में मामला दर्ज कराया। फतेहपुर जिले के अधिकारियों पर ओवरलोड वाहनों को मिलीभगत से पास करने और मासिक लाखों रुपये की उगाही करने का आरोप है।
फिलहाल, अभी तक किसी आरोपी अधिकारी ने बयान नहीं दिया है, और वे इस पूरे मामले पर बोलने से बच रहे हैं। एसटीएफ की यह कार्रवाई रायबरेली में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।