
मुंबई के एक 60 वर्षीय बिजनेसमैन को साइबर धोखेबाजों ने डिजिटल अरेस्ट के जाल में फंसा लिया, जिसके चलते उसने महज 24 घंटे में 53 लाख रुपये गंवा दिए। साइबर अपराधियों ने इस ठगी के लिए कई पुरानी और रटी-रटाई ट्रिक्स का इस्तेमाल किया।
📞 ट्राई का अधिकारी बनकर कॉल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साइबर ठगों ने बिजनेसमैन को ट्राई अधिकारी बताकर कॉल किया और कहा कि उनका मोबाइल सिम कार्ड धोखाधड़ी में इस्तेमाल हो रहा है और आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं।
इसके बाद बिजनेसमैन को दिल्ली तलब किया गया, लेकिन जब वह तुरंत नहीं जा सके, तो कॉल को ‘विजय खन्ना’ नामक शख्स को ट्रांसफर कर दिया गया। उन्होंने नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग मामले का नाम लेकर डराने की कोशिश की और सरकारी कागजों के झूठे दस्तावेज भेजे।
📄 नकली सरकारी दस्तावेज और दबाव
ठगों ने खुद को एसएसपी बताया और बिजनेसमैन से वॉट्सऐप पर फर्जी दस्तावेज भेजे। इनमें कई आरोप लगाए गए और साइबर अपराधियों ने बिजनेसमैन को अपनी दौलत, बैंक अकाउंट और निवेश की जानकारी साझा करने पर मजबूर किया।
👨⚖️ नकली जज के कहने पर पैसे ट्रांसफर
अंततः ठगों ने वीडियो कॉल पर नकली जज बनकर दिखाया और दावा किया कि जमानत याचिका खारिज हो गई है। बिजनेसमैन ने उनका दबाव मानते हुए सारे पैसे सरकारी खातों में ट्रांसफर कर दिए।
जब ठगों ने और पैसे की मांग की, तब बिजनेसमैन को शक हुआ और उसने इंटरनेट पर जांच की। ‘इंस्पेक्टर पंवार’ नाम से दर्ज शिकायतें मिलने पर उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई।